गत दिनों लखनऊ में आयोजित भूमिपूजन समारोह में आए निवेशकों के उत्साह को देखकर कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जल्दी ही लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। अनेक कंपनियों ने कारोबार शुरू भी कर दिया है
उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए 2018 और 2019 के बाद 2022 में 3 जून को तीसरा भूमिपूजन समारोह आयोजित हुआ। यह समारोह उन निवेशकों के लिए था, जो राज्य में निवेश करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। तीसरे भूमि पूजन समारोह में 80,224 करोड़ रुपये की 1,406 निवेश परियोजनाओं की शुरुआत हुई। इसमें डाटा सेंटर क्षेत्र में 25 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र में 14 प्रतिशत, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में 10 प्रतिशत, बुनियादी ढांचा व उत्पादन में 8-8 प्रतिशत, हथकरघा एवं वस्त्र में 7 प्रतिशत, नवीकरणीय ऊर्जा में 6 प्रतिशत, लघु एवं मध्यम उद्योग में 6 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। इन परियोजनाओं से लगभग 5,00,000 प्रत्यक्ष तथा लगभग 20,00,000 अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विकास के प्रति बढ़ते जन विश्वास को दर्शाती हैं। उत्तर प्रदेश की जनता ने 37 साल बाद किसी सरकार को फिर से सत्ता में वापस लाकर अपने सेवक को जिम्मेदारी सौंपी है। ऊर्जा खपत के मामले में भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। बीते साल दुनिया के 100 से अधिक देशों से 84 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया। यही नहीं, भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 417 अरब डॉलर यानी 30,00,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर कीर्तिमान स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में तीन मंत्र दिए थे- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। प्रदेश की सरकार ने इस मंत्र को पूरी तरह अंगीकार किया है। उनका लक्ष्य देश को 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है, इसके लिए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बीते 5 वर्ष से उत्तर प्रदेश लगातार विकास कर रहा है और यह देश की छठी से दूसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जबकि ‘ईज आफ डूर्इंग बिजनेस’ में दूसरे स्थान पर है।
ऐसे बनता गया निवेश का माहौल
उत्तर प्रदेश में 2018 के फरवरी माह में पहला निवेशक सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें 4,48,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए हस्ताक्षर हुए। इसके बाद 60,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली 81 परियोजनाओं को धरातल पर उतार दिया गया था। इसमें रिलायंस जियो ने 1,00,0000 करोड़ रुपये, टेग्ना इलेक्ट्रानिक्स ने 5,000 करोड़ रुपये, पेटीएम ने 3,500 करोड़ रुपये, अडानी पावर ने 2,500 करोड़ रुपये, टीसीएस ने 2,300 करोड़ रुपये, लूलू ग्रुप रियल स्टेट ने 2,000 करोड़ रुपये, कनोडिया ग्रुप ने 1,200 करोड़ रुपये, फोनिक्स ने 800 करोड़ रुपये, स्पर्श इंडस्ट्रीज ग्रुप ने 600 करोड़ रुपये और साची एजेंसी ने 552 करोड़ रुपये का निवेश किया। दूसरे भूमि पूजन समारोह के बाद 65,000 करोड़ रुपये की 250 से अधिक परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया। वीवो ने 7,429 करोड़, टोरंट गैस ने 2,751 करोड़, अडानी ग्रुप 1,821 करोड़, सन लाइट फ्यूल्स 1,550 करोड़, सैमसंग ने 1,400 करोड़, एनटीपीसी ने 1,225 करोड़ रुपये एवं मेदान्ता हास्पिटल ने 1,100 करोड़ रुपये का निवेश किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से राज्य में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश वर्तमान में ‘ईज आॅफ डुइंग बिजनेस’ में देश में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री जी भारत के समग्र विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ की विश्व रैंकिंग में 142वें से 62वें स्थान पर आ गया है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि राज्य अपनी सर्वोत्तम सामर्थ्य के साथ देश की तरक्की में अपना योगदान सुनिश्चित कर रहा है। अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी की सोच, काम के प्रति निष्ठा, सर्वांगीण विकास की ओर झुकाव प्रेरणादायक है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश का सर्वोत्तम प्रदेश बन चुका है। यहां पर निर्णय लेने की प्रशासनिक क्षमता और पेशेवर व्यवहार सराहनीय है।
1,446 दिन में 5 लाख से अधिक उद्योगों को स्वीकृति
पहली बार उत्तर प्रदेश में उद्योगों को निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से 1,446 दिन में 5,04,798 अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिया गया। इसमें विदेशी कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियां भी शामिल हैं। निवेश अनुकूल प्रणाली के कारण 2,43,161 उद्यमियों ने संतुष्टि भी जाहिर की है। निवेश मित्र पोर्टल पर श्रम विभाग ने सबसे अधिक 63,617 एनओसी जारी किए हैं। अधिकतर आवेदनों में एनओसी एक, दो और पांच दिन में जारी किया गया। ऐसे ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 23,509 एनओसी औसतन 10 दिन में दिए हैं। इसमें ज्यादातर आवेदन के लिए समय सीमा 10, 90 और 120 दिन निर्धारित थी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने औसतन छह दिन में 21,373 एनओसी दिए, जबकि सरकार की ओर से समय सीमा सात, 15 और 30 दिन निर्धारित थी। इस बारे में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने ट्वीट कर कहा है,‘‘उत्तर प्रदेश सरकार के निवेश मित्र पोर्टल के तहत जारी प्रमाण पत्र/एनओसी/स्वीकृति/सहमति की संख्या 5,00,000 पार कर गई है।’’
अडानी ग्रुप द्वारा प्रदेश में 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। आदित्य बिरला ग्रुप के मुखिया कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बन चुका है। हीरानन्दानी समूह के अध्यक्ष श्री निरंजन हीरानन्दानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरा अनुभव शानदार रहा है। 24 माह से कम समय में ‘डेटा सेंटर’ का निर्माण किसी भी देश के लिए गर्व की बात है। हीरानन्दानी समूह अगले 5 वर्ष तक हर साल प्रदेश में ‘डेटा सेंटर’ में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार जो वादा करती है, उसे पूरा करती है।
भूमिपूजन मे बड़े निवेशकों ने जो कहा, वह यह बताने के लिए काफी है कि अब उत्तर प्रदेश में निवेश का बहुत ही अनुकूल माहौल है। यह माहौल ऐसे ही नहीं बना है। इसके लिए राज्य सरकार ने कड़ी मेहनत की है। सरकार ने पहली बार उद्योगों को आॅनलाइन एनओसी देने के लिए फरवरी, 2018 में एकल खिड़की व्यवस्था (सिंगल विंडो सिस्टम) की शुरुआत की थी और निवेश मित्र पोर्टल शुरू किया था। ‘निवेश मित्र’ में 29 विभागों की लगभग 349 सेवाएं आॅनलाइन उपलब्ध हैं। इसके साथ ही एक जनपद, एक उत्पाद योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
प्रमुख उत्पादन केंद्रों एवं निर्यात केंद्रों को निर्बाध आवागमन की सुविधा दी गई है। बिजली की आपूर्ति में सुधार किया गया है। 2017 में योगी सरकार के आते ही शहरों एवं जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 20 घंटे और गांवों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य तय किया गया और उस लक्ष्य को हासिल भी किया गया। गुंडों की नकेल कसने से कानून-व्यवस्था बेहतर हुई। इस कारण बड़े पैमाने पर निवेश धरातल पर उतर रहा है।
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