पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पेड़ घोटाले में पंजाब के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज करके एक मंत्री तथा उसके दो ओएसडी को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया मंत्री अमरिंदर सरकार में वन मंत्री था और नामजद मंत्री पूर्व चन्नी सरकार में वन मंत्री था। आरोप है कि जिस घोटाले को अमरिंदर सरकार में अंजाम दिया गया उस घोटाले पर कार्रवाई करने की बजाए चन्नी सरकार में आगे बढ़ाया गया। विजिलेंस ब्यूरो ने यह कार्रवाई उस समय की जब राहुल गांधी पंजाब दौरे पर थे।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अमरिंदर सरकार में वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत, उनके ओएसडी चमकौर सिंह तथा दफ्तरी अधिकारी कमलजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। विजिलेंस ब्यूरो ने हालही में वन विभाग मोहाली के डीएफओ तथा एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि वन मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत द्वारा एक पेड़ कटाई के बदले 500 रुपये लिए जाते थे। इसके अलावा पेड़ लगाने के मामले में भी पैसे लिए जाते थे। यह सारा घोटाला मंत्री के ओएसडी तथा पीए द्वारा मंत्री की सहमति पर किया जाता था।
विजिलेंस जांच में सामने आया कि पंजाब में अमरिंदर सिंह के बाद सत्ता में आए चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार में वन मंत्री बने संगत सिंह गिलजियां ने इस घोटाले में कार्रवाई करने की बजाए पर्दा डालते हुए घोटाले को आगे बढ़ाया। विजिलेंस ने गिलजियां के पीए कुलविंदर सिंह तथा सचिन को भी इसी एफआईआर में नामजद कर दिया।
विजिलेंस ब्यूरो ने मंगलवार तड़के करीब तीन बजे अमलोह में छापा मारकर साधु सिंह को गिरफ्तार किया। इसके बाद साधु सिंह के ओएसडी को पटियाला तथा तीसरे आरोपी को खन्ना से गिरफ्तार कर लिया गया। धर्मसोत के खिलाफ कार्रवाई के बाद गिलजियां पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के निदेशक ने बताया कि ब्यूरो ने यह कार्रवाई पुख्ता सबूतों के आधार पर की है। इस मामले में और कई गिरफ्तारियां होंगी।
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