ड्रैगन अपनी शातिर कूटनीति पर चुपचाप आगे बढ़ रहा है। हिंद—प्रशांत क्षेत्र में बने क्वाड को लेकर उसे सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। उसने शायद अमेरिका के साथ ‘ऑकस’ सैन्य समझौते और ‘क्वाड’ की तोड़ निकालने की ठान ली है।
ड्रैगन अपनी शातिर कूटनीति पर चुपचाप आगे बढ़ रहा है। हिंद—प्रशांत क्षेत्र में बने क्वाड को लेकर उसे सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। उसने शायद अमेरिका के साथ ‘ऑकस’ सैन्य समझौते और ‘क्वाड’ की तोड़ निकालने की ठान ली है। यही वजह है कि अब वह ऑस्ट्रेलिया को घेरने के लिए उसके दस छोटे पड़ोसियों पर डोरे डाल रहा है। इन देशों के साथ वह सुरक्षा समझौते करने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। ये दसियों देश प्रशांत महासागर में छोटे छोटे टापुओं पर हैं और इन्हीं में से एक है सोलोमन द्वीप, जिससे चीन ने ऐसा समझौता पुख्ता कर लिया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी आजकल इसी एजेंडे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने सोलोमन द्वीप के साथ एक बेल्ट एंड रोड के साथ ही सुरक्षा समझौते को आखिरी रूप देना शुरू कर दिया है। बीजिंग के सूत्रों के अनुसार, चीन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत तथा जापान के ‘क्वाड’ गुट और ऑकस सुरक्षा संधि से काफी सचेत हो गया है। यही वजह है कि वह प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया तथा अमेरिका को घेरने की फिराक में है। इसी एजेंडे पर चलते हुए आस्ट्रेलिया के दा पड़ोसी टापू देशों के साथ वह सुरक्षा समझौते की राह पर है।
हाल ही में सोलोमन द्वीप के दौरे पर गए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वहां बेल्ट एंड रोड परियोजना के संबंध में समझौता किया है। प्रशांत महासागर के अन्य 9 देशों में हैं किरिबाती, सामोआ, फिजी, टोंगा, वनुआतू, पापुआ न्यू गिनी और पूर्वी तिमोर जिनसे इसी बेल्ट एंड रोड परियोजना को लेकर समझौता होना है।
प्रशांत महासागर के ये द्वीप ऑस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर में स्थित हैं। यह वही जगह है जहां से अमेरिका के गुआम द्वीप से ऑस्ट्रेलिया के बीच जंगी जहाज गुजरते हैं। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही इस बात से चिंतित हैं कि दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रहा चीन अब अपनी पहुंच को प्रशांत महासागर में बढ़ा रहा है।
सोलोमन द्वीप के साथ हुए प्रस्ताव का मसौदा कहता है कि प्रशांत महासागर के इन देशों में सुरक्षा, मॉनिटरिंग, साइबर सुरक्षा तथा आर्थिक विकास के क्षेत्रों में साथ मिलकर काम किया जाएगा। इसी मसौदे पर चीन के विदेश मंत्री प्रशांत के अन्य छोटे देशों के विदेश मंत्रियों से वार्ता करने जा रहे हैं। वांग यी इन देशों के दौरे शुरू भी कर चुके हैं।
सुनने में यह भी आ रहा है कि चीन सोलोमन द्वीप पर सेना भेज सकता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रस्तावित कानून प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों में चीन के साथ रिश्तों को लेकर बहुत समर्थन हासिल कर पाएगा। ये सभी द्वीप हिंद प्रशांत क्षेत्र में बहुत अहम भू रणनीतिक महत्व रखते हैं। प्रशांत महासागर के ये द्वीप ऑस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर में स्थित हैं। यह वही जगह है जहां से अमेरिका के गुआम द्वीप से ऑस्ट्रेलिया के बीच जंगी जहाज गुजरते हैं। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही इस बात से चिंतित हैं कि दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रहा चीन अब अपनी पहुंच को प्रशांत महासागर में बढ़ा रहा है।
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