लखनऊ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। अपराधियों के खिलाफ जारी भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति फिर से स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अपराध किसी प्रकार का हो, वह अक्षम्य है। खासकर महिला संबंधी अपराध, इसे लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। अपराधियों के खिलाफ कठोरता पूर्वक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, यहां अपराधियों के बारे में यह नहीं कहा जाता कि “लड़के हैं गलती हो जाती है”। अगर अपराधी है तो जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई होती है। नेता प्रतिपक्ष ने भी स्वीकार किया है कि कार्रवाई होती है। आप (समाजवादी पर्टी) हर उस अपराधी का समर्थन करते हैं, जो उत्तर प्रदेश में अराजकता के पर्याय थे। गुंडागर्दी जिनका पेशा था। गत 5 वर्ष में कानून-व्यवस्था के बेहतर माहौल ने ही इस सरकार को फिर से इतना व्यापक जनसमर्थन दिलाया है। “प्रत्यक्षं किं प्रमाणं।” यहां विधायकों की संख्या इस बात का प्रमाण हैं। जनता और आधी आबादी ने जिस भाव के साथ हमें समर्थन दिया है, मैं उसका अभिनन्दन करता हूं। हम पूरी प्रतिबद्धता से कह रहे हैं कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। कोई सरेआम अपराध करे, सरकार इसे स्वीकार नहीं कर सकती।
महिला अपराध रोकने के लिए ‘एंटी रोमियों स्क्वाड’ का गठन
मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा पर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में हमने महिला अपराधों को रोकने के लिए ‘एंटी रोमियों स्क्वाड’ का गठन किया था। एंटी रोमियों के गठन के साथ ही 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना भी की गई है। बीते 5 वर्ष में लूट, हत्या, महिला संबंधी अपराध, डकैती सहित विभिन्न प्रकार के अपराधों में भारी गिरावट आई है। आंकड़े इसके गवाह हैं। कल प्रतिपक्ष के मित्रों ने यदि राज्यपाल का अभिभाषण सुना होता तो काफी चीजें साफ हो गई होतीं। बाकी जो कुछ बचेंगी उसे हम अपने जवाब में बता देंगे।
गर्मी भी शांत हो रही है
पूर्व में चुनाव के समय और बाद में कई आपराधिक घटनाएं घटित होती थीं। इस बार भी चुनाव सम्पन्न होने के बाद कुछ लोगों ने हरकत की थी। लेकिन उन हरकतों को हमने कुछ ही घंटों में कंट्रोल भी कर लिया था। बहुत सारे लोगों ने गर्मी दिखाने का प्रयास किया था, उनकी गर्मी भी शांत हो रही है। आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश के अंदर नजीर बनी हुई है। पांच साल में कोई दंगा नहीं हुआ। जबकि 2012-17 के बीच 700 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे। 2017-22 तक प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। कहीं कोई कर्फ्यू नहीं। नई सरकार के गठन के बाद राम नवमी पर सात राज्यों में दंगे हुए, यूपी में कोई दंगा नहीं हुआ। हनुमंत जयंती पर कोई दंगा नहीं।
पिछली सरकारों में इच्छाशक्ति नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें शिकायत मिलती थी कि कोई बुजुर्ग है, कोई नवजात शिशु है, कोई बीमार व्यक्ति है, उसकी सहूलियत के लिए धर्मस्थलों पर से अनावश्यक माइक उतरने चाहिए। शोरगुल बंद होना चाहिए। हम ने लोगों से अपील की और अब तक 1 लाख से अधिक माइक या तो उतर चुके हैं या उनकी आवाज कम हो गई है। उत्तर प्रदेश में यह सब पहले भी हो सकता था, पर पिछली सरकारों में इच्छाशक्ति नहीं थी। हर चीज को वोटबैंक के नजरिये से देखने की जो प्रवृत्ति है, उसने नहीं करने दिया। शायद इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश में अलविदा की नमाज़ सड़कों पर नहीं हुई। ईद के अवसर पर सड़कों पर कोई अराजकता नहीं हुई। शान्तिपूर्ण तरीके से पर्व और त्योहार मनाये गए। 2 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति अपराधियों/माफियाओं से जब्त की गई है। यह पहली बार हो रहा है। बहुत से लोग कानून व्यवस्था पर उंगली नहीं उठा पा रहे हैं, ऐसे में, वे लोग कुछ न कुछ षड्यंत्र तो करेंगे ही। क्योंकि पब्लिक ने उन्हें किसी और लायक छोड़ा ही नहीं। सिद्धार्थ नगर में विगत दिनों एक घटना हुई। इसमें पुलिस पार्टी के जाने के बाद वहां जितेंद्र यादव नाम के व्यक्ति ने गोली चलाई थी, मुस्लिम निर्दोष महिला को गोली मारी थी। अवैध असलहे से गोली चलाई गई। अपराधी पकड़ा गया है। कार्रवाई हो रही है। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई के लिए प्रशासन को पूरी छूट दी गई है। आज अपराधी कोई घटना छुपा नहीं सकता है। वर्ष 2017 में जब पहली बार हमारी सरकार का गठन हुआ था, उस समय आजमगढ़ में जहरीली शराब से कई मौतें हुई थीं। हम लोग जब इसकी तह में गए तो पता चला कि इसमें समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों का हाथ था। क्या यह सच नहीं है? हमारे पास इसके पूरे तथ्य हैं प्रमाण हैं।
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