समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर उसे अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया था। रामपुर प्रशासन ने करीब ढाई सौ बीघा इस बेशकीमती जमीन को खाली करवाकर अपने खंबे गाड़ कर तारबाड़ कर दिया है।
आजम खान के खिलाफ केंद्र सरकार की ईडी टीम ने कुछ दिन पहले जांच की थी, उनकी जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन की पैमाईश की गई थी, जिसमें ये साबित हुआ कि आजम खान ने 13.842 हेक्टेयर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है। यह जमीन यूपी सरकार की थी, जो राजस्व अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के नाम से दर्ज थी। जानकारी के मुताबिक ये जमीन आजादी से पहले इमामुद्दीन कुरैशी की थी जो पाकिस्तान चले गए थे। उन्होंने वहां अपनी नागरिकता लेकर इस जमीन के बदले जमीन ले ली थी। शत्रु संपत्ति उसी को कहते हैं जो विभाजन के समय अपनी संपत्ति छोड़कर भारत से चले गए थे। उस संपत्ति पर सरकार का हक होता है।
आजम खान ने इस जमीन पर अपना कब्जा कर उसे यूनिवर्सिटी के कैंपस में मिला लिया था। इलाहबाद हाई कोर्ट में आजम खान और ईडी के मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने जब जमानत की अर्जी मंजूर की तो उन्होंने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत तभी नियमित जमानत मानी जाए, जब शत्रु संपत्ति सरकार को वापस मिल जाए। इसके बाद लखनऊ से राज्य के शत्रु संपत्ति अभिरक्षा कार्यालय के अधिकारी प्रशांत सैनी ने रामपुर आकर एसडीएम मनीष मीणा और उनके दल के साथ जाकर उक्त 250 बीघा जमीन पर कब्जा वापस लिया और चिन्हित भूमि पर सीमेंट के खंभे लगा कर तारबाड़ का काम शुरू करवाया।
इस जमीन पर एक हफ्ते में चार हजार मीटर से अधिक तारबाड़ की बाउंड्री बनाई जानी है। जानकारी के मुताबिक तहसीलदार प्रमोद कुमार प्रतिदिन इस कार्य की प्रगति रिपोर्ट डीएम को देंगे। उल्लेखनीय है आजम खान पर 30 मुकदमे जमीनों को अवैध रूप से कब्जाने के दर्ज किए गए थे। शत्रु संपत्ति का ये मामला ईडी के द्वारा जांचा गया है।
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