प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार पूजा सिंघल पर वर्षों से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि उनके भ्रष्टाचार का अध्याय यहीं समाप्त होगा और उनसे जुड़े सारे लोग देश के सामने आएंगे।
झारखंड में इन दिनों कालेधन पर लगाम लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय है। प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद रोज चौंकाने वाले खुलासे देखने को मिल रहे हैं। इस बार यह पता चला कि अवैध खनन सहित भ्रष्टाचार के रुपए छोटे अधिकारियों से लेकर बड़े अधिकारियों और कई सफेदपोश लोगों तक पहुंचता था। इसकी पुष्टि खुद खान विभाग की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके सीए सुमन कुमार और अन्य सहयोगियों से पूछताछ में हुई है।
बता दें कि 16 मई को पूजा सिंघल और सीए सुमन के रिमांड की अवधि समाप्त हो रही थी। लेकिन पूरे मामले का खुलासा होना जरूरी था इसलिए प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायालय से पूजा और सुमन के रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने पूजा के लिए 9 दिन और सुमन के लिए 5 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने 4 दिन की रिमांड दे दी।
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को पूजा सिंघल के मोबाइल से व्हाट्सएप चैट सहित अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई है। साथ ही प्रारंभिक जांच में खान विभाग के भ्रष्टाचार की कई बातें आई हैं, जिसमें कई अफसर और बड़े-बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। इसके बाद पूजा सिंघल की संपत्ति और पल्स अस्पताल की जमीन खरीद से लेकर निर्माण कार्य का ब्योरा पूरी तरह से प्रवर्तन निदेशालय को नहीं मिल पाने की वजह से रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी।
दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही पूछताछ अब खनन पदाधिकारियों के पास भी पहुंच चुका है। 16 मई को झारखंड के पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जिले के खनन पदाधिकारियों को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस समन के बाद पाकुड़ के जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ ) प्रदीप कुमार साह और दुमका के डीएमओ कृष्ण चंद्र किस्कू ही पहुंचे, जिनसे 16 और 17 मई को पूछताछ की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार पता चला है कि इस पूछताछ में इन दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पूजा सिंघल के कहने पर ही काली कमाई का कुछ हिस्सा सीए सुमन कुमार को दिया था। यह पूछताछ पूजा और सुमन के सामने ही की गई थी। हालांकि साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ने अपनी बेटी की शादी की बात कहकर समय मांगा है, इसलिए वे उपस्थित नहीं हो पाए थे।
पूजा सिंघल के कारनामे
वर्ष 2008-09 और 2009-10 में खूंटी में मनरेगा घोटाला हुआ। पूजा सिंघल 16 फरवरी, 2009 से 19 जुलाई, 2010 तक खूंटी की उपायुक्त थीं। इस दौरान पूजा सिंघल ने एक इंजीनियर को मनरेगा के लिए 18.06 करोड़ रुपए अग्रिम दिये। इसके बाद बिना काम किये पैसों की निकासी के बाद वर्ष 2011 में खूंटी और अड़की थाने में इंजीनियर राम विनोद सिन्हा और आरके जैन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जुलाई, 2011 में संबंधित मामला निगरानी में दर्ज हुआ। 18 मई, 2012 को ईडी ने मनरेगा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की थी। 28 नवंबर, 2018 को इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने मनरेगा में 20 फीसदी कमीशन देने की बात स्वीकारी थी। 06 मई, 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापा मारा। इस छापेमारी में अरबों की संपत्ति का खुलासा हुआ था। सीए सुमन कुमार को 07 मई, 2022 को गिरफ्तार किया गया। 08 मई, 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा से पूछताछ की। 10 मई, 2022 को पूजा सिंघल से ईडी ने पूछताछ की। 11 मई, 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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