मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से निकल कर आईटी और इलेक्ट्रॉनिक का हब बन रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-03 (जीबीसी-03) में आईटी और इलेक्ट्रानिक विभाग के सबसे ज्यादा 20 हजार करोड़ के 14 प्रोजेक्ट का भूमि पूजन होने वाला है। खास बात यह है कि जीबीसी-03 के टॉप टेन प्रोजेक्ट में छह प्रोजेक्ट आईटी और इलेक्ट्रानिक विभाग के हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने पिछले कार्यकाल में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए अधिकारियों को नीतियां बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद औद्योगिक एवं अवस्थापना विभाग ने उत्तर प्रदेश आईटी और स्टार्टअप नीति 2017, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2017, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020, उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 और उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति 2021 बनाई थी। पिछले पांच साल में प्रदेश में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 65 परियोजनाएं लगी हैं। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख 66 हजार 413 युवाओं को रोजगार मिला है। अब विभाग की ओर से अगले छह महीने में इन नीतियों का संशोधन किया जाएगा।
नोएडा में 2186 करोड़ रुपये की लागत से माइक्रो साफ्ट आईटी में कर रही निवेश
जीबीसी-03 में टॉप टेन प्रोजेक्ट में पहले नंबर पर एनआईडीपी प्राइवेट लिमिटेड हीरानंदानी ग्रुप 9134 करोड़ से ग्रेटर नोएडा में डेटा सेंटर बना रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गौतमबुद्धनगर में 17 हजार करोड़ के कुल चार डेटा सेंटर लग रहे हैं। नोएडा में 2186 करोड़ रुपये की लागत से माइक्रो साफ्ट आईटी में निवेश कर रही है। भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में भी प्रदेश में तीन डाटा सेंटर पार्क की स्थापना का लक्ष्य है।
सोनभद्र में सीमेंट फैक्ट्री, जालौन और कानपुर देहात में लग रहे सोलर प्रोजेक्ट
1100 करोड़ की लागत से पीलीभीत में बेकर्स खमीर प्लांट और यमुना एक्सप्रेस-वे पर 953 करोड़ की लागत से फिल्म प्रोडक्शन प्लांट लग रहा है। इसी तरह जालौन और कानपुर देहात में 800 करोड़ की लागत से दो सोलर प्रोजेक्ट और सोनभद्र में 600 करोड़ की लागत से सीमेंट फैक्ट्री लग रही है।
अगले दो वर्षों में शुरू होंगे 11 मंडलों में आईटी पार्क
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश आईटी और स्टार्टअप नीति 2017 के तहत पिछले पांच सालों में करीब 5642 करोड़ रुपए का निवेश आया है। लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में प्रदेश के हर मंडल में एक आईटी पार्क की स्थापना का लक्ष्य है। फिलहाल, तीन आईटी पार्क मेरठ, प्रयागराज और कानपुर में क्रियाशील हैं और चार आईटी पार्क आगरा, गोरखपुर, वाराणसी और बरेली में स्थापना प्रक्रियाधीन है। अन्य 11 मंडलों में आईटी पार्क अगले दो वर्षों में शुरू करने का लक्ष्य है।
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