श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट के बीच अशांति थमने का नाम नहीं ले रही है। जान बचाने के लिए नौसेना के एक अड्डे पर छिपे पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग हो रही है, वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इसी सप्ताह नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति का एलान किया है। इस बीच श्रीलंका की एक अदालत ने महिंदा राजपक्षे और उनकी पार्टी के 12 अन्य नेताओं के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
श्रीलंका में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद से भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पूरे देश में इस समय सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। संकट के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंदा राजपक्षे अपने करीबियों पर हमले के मद्देनजर एक नौसेना अड्डे पर सुरक्षा घेरे में हैं। इस बीच श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग होने लगी है। विपक्षी दल भी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
इतने हंगामे के बावजूद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पद छोड़ने से इनकार कर चुके हैं। हालांकि, गुरुवार को ट्वीट्स के जरिए उन्होंने श्रीलंका में शांति लाने के तरीकों का जिक्र किया। इसमें उन्होंने संविधान में संशोधन के साथ विपक्ष के साथ अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नई सरकार बनाने के कदम उठाए जाएंगे, ताकि इस देश को अराजकता की गर्त में जाने बचाया जाए और सरकार के रुके हुए कार्यों को आगे बढ़ाना सुनिश्चित किया जा सके। इसी हफ्ते प्रधानमंत्री की नियुक्ति होगी, जिसके पास न सिर्फ संसद में बहुमत होगा, बल्कि वह लोगों का भरोसा भी जीत सकेगा।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ