दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपित ताहिर हुसैन और पांच अन्य आरोपितों के खिलाफ खजूरी खास इलाके में दंगा-फसाद और आपराधिक साजिश के आरोप तय किया है। एडिशनल सेशंस जज रविंद्र भट्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन मूकदर्शक नहीं था बल्कि उसने लोगों को हिंसा के लिए उकसाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
कोर्ट ने ताहिर हुसैन के अलावा जिन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया उनमें अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम और शोएब शामिल हैं। कोर्ट ने इन आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 147,148, 149, 427,435,436 और 395 के तहत आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की एक और धारा 109 के तहत भी आरोप तय करने का आदेश दिया।
मामला खजूरी खास थाने के अंतर्गत एक कंपनी के गोदाम में चोरी, तोड़फोड़ और आगजनी आदि के आरोपों से जुड़ा है। कोर्ट ने कहा कि आरोपितों ने दूसरे धर्म के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम किया। ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम इत्यादि फेंके गए थे। पुलिस ने शिकायतकर्ता करण की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी। 27 फरवरी 2020 को ताहिर हुसैन के घर से 50-60 मीटर की दूरी पर घटना घटी थी। जांच के दौरान एसआईटी ने पाया कि ताहिर हुसैन के घर का इस्तेमाल दंगाइयों ने किया था जहां से ताहिर हुसैन समेत दूसरे आरोपितों ने पत्थरों और पेट्रोल बमों से हमला किया था।
उल्लेखनीय है कि ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली हिंसा के मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी।
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