बांग्लादेश में एक बार फिर एक हिंदू व्यक्ति के साथ बर्बरता करने का मामला सामने आया है। जिस क्रूरतम तरीके से इस्लामिक चरमपंथियों ने जितेंद्र कांति गुहा को पीटा है उससे बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ एवं अराजकता की सभी सीमाएं पार हो चुकी हैं। जितेंद्र कांति गुहा बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइकिया परिषद के दक्षिण चटगाँव के उपाध्यक्ष थे।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने वाले ‘वॉइस ऑफ बांग्लादेश हिंदू़ नाम के ट्विटर हैंडल ने जितेंद्र कांति गुहा की फोटो शेयर करते हुए लिखा है, “इफ्तार पार्टी में भाग नहीं लेने पर स्थानीय अवामी लीग के नेता मोहम्मद जसीम द्वारा बर्बर तरीके से चटगाँव के एक हिंदू नेता जितेंद्र कांति गुहा पर हमला किया गया।”
इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हैदगाँव में ब्राह्मणघाट के गौचिया कम्युनिटी सेंटर के सामने घटना को अंजाम देते हुए गुहा को न सिर्फ बुरी तरह मारा, बल्कि एक पेड़ से बाँध भी दिया। गुहा आवामी लीग के स्थानीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस घटना बाद उन्हें पटिया स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें चटगाँव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के पीछे की वजह हैदगाँव यूनियन अवामी लीग ने गौचिया कम्युनिटी सेंटर में इफ्तार पार्टी और बैठक में यूनियन परिषद (यूपी) के अध्यक्षद बीएम जसीम को आमंत्रित नहीं करना रही। हैदगांव यूनियन अवामी लीग के संयुक्त संयोजक शाहिदुल इस्लाम ज़ुलु ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूनियन अवामी लीग ने बीएम जसीम को इफ्तार समारोह में आमंत्रित नहीं किया, क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष को सत्तारूढ़ अवामी लीग के असंतुष्ट उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। जिस वजह से जसीम क्रोधित हो गया और 30-40 व्यक्तियों के एक समूह के साथ स्थान पर पहुँचा और यूनियन अवामी लीग के संयोजक महमूदुल हक हाफ़िज़ सहित कई लोगों का अपमान करना शुरू कर दिया। पूर्व सदस्य ने जितेंद्र गुहा को घूँसा मारा। इसके बाद जितेंद्र गुहा को बाहर निकाला गया और फिर एक पेड़ से जंजीर से बाँध दिया गया। फिर जसीम के समर्थकों द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
वहीं जब इस प्रकरण को लेकर बीएम जसीम ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुहा ने अध्यक्ष रहते हुए सरकारी आवास, ट्यूबवेल और रोजगार देने का लालच देकर लोगों से पैसे लिए थे। जिसके बाद उन्हीं युवकों ने पैसे वापस माँगते हुए उनकी पिटाई की है।
बता दें कि बांग्लादेश में आए दिन इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदुओं पर किए जा रहे अंतहीन अत्याचार, तोड़े जा रहे मंदिरों, हिंदू माताओं-बहनों से बलात्कार की तमाम ख़बरें सामने आती रही हैं।
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