गत अप्रैल को रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने रायपुर स्थित सरस्वती शिक्षा संस्थान के सभागार में पद्मश्री डॉ. दामोदर गणेश बापट के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘सेवाव्रती कर्मयोगी : पद्मश्री डॉ. दामोदर गणेश बापट’ का विमोचन किया।
इस अवसर पर श्री होसबाले ने कहा कि बापट जी मौन साधक थे। उनके प्रत्यक्ष जीवन से अनेक लोगों को प्रेरणा प्राप्त हुई। यह पुस्तक बापट जी द्वारा किए गए कार्यों को बताती है। भारतीय कुष्ठ निवारक संघ के सचिव श्री सुधीर देव ने कहा कि दामोदर गणेश बापट जी ने ‘नेकी कर दरिया में डाल’ कहावत को चरितार्थ किया। वे अपने बारे में कुछ बताते नहीं थे, किन्तु कात्रेनगर कुष्ठाश्रम प्रकल्प को ठीक दिशा में विकसित किया।
देवपहरी का सेवाधाम हो या पामगढ़ का अंधत्व निवारण केंद्र, सब में किसी न किसी रूप में बापट जी दिखाई देते हैं। पुस्तक के लेखक हैं संघ के प्रचारक श्री सुनील किरवई। पुस्तक की प्रस्तावना सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने लिखी है।
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