पूर्व मंत्री बसपा नेता याकूब कुरैशी ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली है। हाजी कुरैशी पर बिना अनुमति मीट फैक्ट्री और अस्पताल चलाने के आरोप प्रशासन ने तय किये हैं।
हाजी याकूब कुरैशी उनकी पत्नी और दोनों बेटे पुलिस से बचते फिर रहे हैं। पुलिस की पांच टीमों ने उनकी तलाश में दिल्ली, राजस्थान में दबिश दी है, लेकिन वो हाथ नहीं लगे हैं। उनके मोबाइल बंद हैं। मेरठ एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि एसपी केशव कुमार की अगुवाई में याकूब कुरैशी की गिरफ्तारी के लिए कोशिशें तेज की गई हैं। उनके घरों की कुर्की के आदेश भी जारी हो गए हैं।
खबर है कि याकूब कुरैशी ने हाई कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत और मीट फैक्ट्री खुलवाने के लिए अर्जी दाखिल की है। यह सूचना मिलते ही मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव चन्द्रपाल तिवारी और अन्य अधिकारी भी हाई कोर्ट पहुंच गए हैं, जहां वो नामी वकीलों के साथ कोर्ट की कार्यवाही में अपना पक्ष रखेंगे।
याकूब कुरैशी पर आल फहीम मिटैक्स प्र.लि. (मीट फैक्ट्री) दस हेक्टेयर सार्वजनिक भूमि का गलत तरीके से भू उपयोग करने, माय सिटी हॉस्पिटल की चार मंजिला इमारत को बिना अनुमति के बनाने जैसे मामले हैं। इसके अलावा 2019 में सील हुई मीट फैक्ट्री को कोर्ट में शपथ पत्र देने के बावजूद खोल कर उत्पादन करने का आरोप है। प्रशासन ने यहां से 5 करोड़ का मीट जब्त किया हुआ है। पुलिस-प्रशासन ने याकूब, उनकी पत्नी संजीदा बेगम, बेटे फिरोज, इमरान सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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