शामली जिले के कैराना इलाके में पुलिस-प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में आठ बीघा सरकारी जमीन को कब्जेदार से मुक्त करवाया गया है। यह कब्जेदार कोई और नहीं, बल्कि सपा के गैंगस्टर विधायक नाहिद हसन के चाचा सरवर हसन है, जिन्हें स्थानीय लोग भू-माफिया कहते हैं।
कैराना के भूरा रोड पर सरकारी जमीन पर सरवर हुसैन कब्जा कर वहां अपने गुर्गों को टिकाए रहता था। बताया जाता है अपने भतीजे विधायक नाहिद के साथ संरक्षण में ये आठ बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किये हुए था। इस भूमि की कीमत करोड़ों में बतायी जाती है। कैराना के एसडीएम संदीप कुमार और सीओ ब्रिजेन्द्र सिंह ने भारी फोर्स और बुलडोजर ले जाकर वहां बने कब्जेदारों के टूटे फूटे मकानों को ध्वस्त किया। उस जमीन पर सरकार की संपत्ति का बोर्ड लगा दिया।
सरकार की इस कार्रवाई के दौरान सरवर हुसैन भूमिगत हो गया। हालांकि पुलिस-प्रशासन ने उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। उधर जेल में बंद नाहिद हसन की जमानत की अर्जी एक बार फिर से हाई कोर्ट में खारिज कर दी गयी है। योगी सरकार की सख्ती की वजह से कैराना और शामली क्षेत्र में नाहिद हसन और उनके परिवार की अवैध सम्पत्तियों की जांच में पुलिस-प्रशासन की एक एसआईटी को भी लगाया गया है। विधायक हसन की मां और बेटे पहले ही पुलिसकर्मियों को डराने धमकाने के मामले में नामजद हैं।
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