बंदूक से ताकतवर है उम्मीद
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

बंदूक से ताकतवर है उम्मीद

बलूच छात्रों का सिरमौर संगठन है बीएसओ (आजाद)। जिन नेताओं ने इस संगठन की अगुआई की और छात्रों को इज्जत और हक के साथ जीने की बात सिखाई, उनमें एक नाम है जाहिद बलोच। स्टुडेंट्स के रोल मॉडल जाहिद ने बलूचों को गहराई से सिखाया कि बंदूक का मुकाबला उम्मीद से किया जाता है

by क्वेटा से हुनक बलोच
Apr 5, 2022, 04:28 pm IST
in विश्व
शर्मसार इंसानियत: जाहिद बलोच की बीवी जर जान शौहर की रिहाई के लिए दर-दर भटक रहीं (बाएं) और इस अभियान में करीमा बलोच (दाएं चेहरा ढके) भी बराबर शरीक रहीं

शर्मसार इंसानियत: जाहिद बलोच की बीवी जर जान शौहर की रिहाई के लिए दर-दर भटक रहीं (बाएं) और इस अभियान में करीमा बलोच (दाएं चेहरा ढके) भी बराबर शरीक रहीं

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अलग-अलग सी दिखने वाली इन दो तस्वीरों में एक रिश्ता है- दर्द का रिश्ता। इसके अलावा इन दोनों में एक और बात एक-जैसी है- इन्सानों की इस दुनिया में जंगल का ही कानून चलता है- जिसके पास ताकत है, वह कैसा भी जुल्म कर सकता है और जो कमजोर है, वह कुछ नहीं कर सकता। दरअसल ताकतवर का हथियार उसकी वहशियाना सनक होती है और उसके मुकाबिल कमजोर के पास होती है उम्मीद। वही उम्मीद जिसके बारे में जाहिद बलोच कहा करते थे कि बंदूक से ज्यादा ताकतवर होती है इंसाफ की उम्मीद। जाहिद बलोच को पाकिस्तान की बदनाम फ्रंटियर कॉर्प्स ने 2014 में अगवा कर लिया था। तब वे बलूचिस्तान स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन (आजाद) के चेयरमैन थे।

अब दुबारा ऊपर की तस्वीरों पर गौर करें। पहली तस्वीर जाहिद बलोच की बीवी जर जान की है। उनके साथ हैं उनके दो बच्चे डोडा बलोच और कंबर बलोच। यह तस्वीर उस सफर की बानगी है जो 2014 के बाद से बदस्तूर जारी है। वे इस्लामाबाद से लेकर कराची तक तमाम शहरों के प्रेस क्लब के सामने अपने शौहर की बाहिफाजत रिहाई के लिए बैनर-पोस्टर लेकर गुहार लगाती रहती हैं और हाल ही में 26 मार्च को भी उन्होंने ऐसा ही किया। वे अक्सर प्रेस क्लब के सामने ही शायद इसलिए गुहार लगाती हैं कि अपने वहिशायाना इरादों पर तामील करते मुल्क और उसकी एजेंसियों के बीच उन्हें उम्मीद की रोशनी मीडिया और इन्सानी हुकूक के पैरोकारों में ही दिखती है। जर जान ने उसी उम्मीद का दामन थाम रखा है जिसकी बात करते उन्होंने अपने शौहर को हमेशा देखा-सुना। अब दूसरी तस्वीर को देखें। जाहिद बलोच की रिहाई के लिए प्रेस क्लब के सामने बैठे इन लोगों के बीच एक औरत अपने चेहरे को ढके दिख रही है जिससे कोई सहाफी (पत्रकार) कुछ सवालात कर रहा है। वह है करीमा बलोच। वही करीमा बलोच जो बलूचिस्तानी औरतों की रोल मॉडल बन गई थीं और दुनिया को उस जुल्म से बावस्ता कराने की कोशिश कर रही थीं जो पाकिस्तान में बलूचों के साथ हो रहा है। वे बीएसओ (आजाद) को हेड करने वाली पहली औरत थीं और दो साल पहले कनाडा में उनकी बेहद अजीबोगरीब हालात में मौत हो गई थी। यकीनन इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का हाथ था क्योंकि करीमा यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स आॅर्गनाइजेशन जैसी जगहों पर कामयाबी के साथ बलूचों के दर्द को बयां करती थीं और उनकी बात सुनी भी जा रही थी।

किताब और कलम की ताकत
जाहिद बलोच नौजवानों से कहा करते थे कि असली ताकत किताब और कलम में है और बलूचों की रवायत और कौमी तारीख (इतिहास) का इल्म इन्हीं से हो सकता है, इसलिए इस ताकत को हासिल करना सबसे बड़ा मकसद होना चाहिए। बीएसओ आजाद के मौजूदा चेयरमैन अबराम बलोच कहते हैं, ‘‘जाहिद बलोच आज भी स्टूडेंट्स के बीच रोल मॉडल हैं और वे उनके नक्शेकदम पर चलकर हमारी तंजीम में शामिल हो रहे हैं, हमारे सियासी मकसदों को हौसला दे रहे हैं। हमारा आॅर्गनाइजेशन आज भी जाहिद बलोच की बाहिफाजत रिहाई के लिए कानूनी और सियासी कोशिशें कर रहा है। हम इस मामले में इन्सानी हुकूक और आजादीपसंद तंजीमों को साथ लेकर चल रहे हैं। समय-समय पर इसके लिए प्रोटेस्ट करते हैं। इंकलाब लोगों की सोच से आता है और इसके लिए तंजीमों को रहनुमाई करनी पड़ती है। जाहिद बलोच की शख्सियत ऐसी ही है। आज हमारी तंजीम जिस रास्ते पर चल रही है, उसमें ऐसे लीडरान का अहम रोल है।’’

एक सहाफी काजीदाद मोहम्मद रेहान कहते हैं, ‘‘जाहिद में एक सच्चे लीडर की तमाम खासियतें थीं। 18 मार्च, 2014 को जब क्वेटा में उनके मकान को फ्रंटियर कॉर्प्स और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लोगों ने घेर लिया और वे जाहिद को जबरन अगवा करने की कोशिश कर रहे थे, उस समय बीएसओ (आजाद) की वाइस चेयरपर्सन करीमा बलोच और तंजीम की मरकजी (सेंट्रल) कमेटी के दो मेम्बरान वहीं मौजूद थे और उन्होंने खुफिया एजेंसियों की हरकतों पर ऐतराज भी किया। लेकिन तब फ्रंटियर कॉर्प्स ने धमकी दी कि अगर उन लोगों ने जाहिद को ले जाने से रोका तो सभी का कत्ल कर दिया जाएगा। इस पर जाहिद ने जो कहा, उस पर गौर करना चाहिए- ‘ये वहशी दरिंदे हैं। लिहाजा इनसे मुजाहमत (रोक-टोक) न करें, खामोश रहें और इन्हें अपना काम करने दें’। जाहिद किसी भी तरह अपने साथियों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते थे। लेकिन जब फ्रंटियर कॉर्प्स के लोग जाहिद को अपनी वीवो गाड़ी में ले जा रहे थे, तो उनकी नजरें तब तक करीमा समेत अपने साथियों पर टिकी रहीं जब तक गाड़ी नजरों से दूर नहीं हो गई। वे नजरें बहुत कुछ कह रही थीं- शायद यह कि अब न जाने कब मुलाकात हो, लेकिन हमने साथ मिलकर कौम के लिए जो ख्वाब बुने, उसके लिए कोशिशें जारी रखना!’’

बीएसओ (आजाद) ने अपने चेयरमैन का पता लगाने के लिए मुनज्जम (संगठित) कैंपेन चलाया है। बीएसओ की मरकजी कमेटी के मेंबर लतीफ जौहर बलोच ने 46 दिन की भूख हड़ताल की। अबराम बलोच कहते हैं, ‘‘हमें इस बात का अंदाजा था कि जब तक दुनिया की आजादीपसंद तंजीमें और यूनाइटेड नेशन को बलूचों की हकूक-कशी का अंदाजा नहीं होगा, हमारी जद्दोजेहद (संघर्ष) लंबी खिंचेगी। इसीलिए हमने करीमा बलोच को कनाडा जाकर जाहिद बलोच समेत हमारे बेशुमार लोगों के साथ हुए वहशियाना जुल्म से दुनिया को बावस्ता कराने का फैसला किया। करीमा वहां रहकर यही काम कर रही थीं। हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत तो नहीं हैं, लेकिन इसमें कोई शुबहा भी नहीं कि करीमा का कत्ल पाकिस्तान एजेंसियों ने किया।’’

जाहिद बलोच स्टूडेंट के अलावा भी अवाम में कितने मशहूर थे, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऐसे कई प्रोग्राम हुए जिनमें लोगों ने उनकी रिहाई की बात उठाई। लोगों को उनकी कयादत (लीडरशिप) में यकीन था। काजीदाद रेहान कहते हैं, ‘‘दरअसल रियासतदारों में जाहिद को लेकर खौफ था। जाहिद बलूच नौजवानों को कहते थे कि तुम्हारा सबसे बड़ा हथियार इल्म है, तालीम है। एक तंजीम के एक आम कारकून (कार्यकर्ता) से अपना सफर शुरू करने वाले जाहिद जिस तरह बलूचों के चहेते बनते जा रहे थे और स्टूडेंट ही नहीं, पूरी अवाम को एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार कर रहे थे, उससे रिसायतदारों ने उन्हें अपने लिए खतरनाक पाया होगा।’’

पाकिस्तान के बनने के पहले से एक आजाद मुल्क रहे बलूचिस्तान के लोगों में कौमी आजादी के लिए शहादत का एक लंबा इतिहास है। दरअसल, पाकिस्तानी हुकूमत बलूचिस्तान में वही कर रही है जो उसने पूर्वी पाकिस्तान में किया- जैसे तब उसे पूर्वी पाकिस्तान की जमीन चाहिए थी, लेकिन बंगाली बोलने वाले मुसलमान नहीं, वैसे ही यहां भी उसे बलूचिस्तान की जमीन चाहिए लेकिन बलूच नुहीं। क्वेटा यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर सही कहते हैं कि ‘‘अगर आज बलूचों का सब्र खत्म होता जा रहा है और उनमें हथियारबंद जद्दोजेहद फैलती जा रही है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तानी हुकूमत जिम्मेदार है। फौजी बूटों के नीचे अमन के फूल नहीं उगा करते।’’

बलूच ऐसी कौम है जिसके पास हीरो की कमी नहीं है और ऐसी कौम, जिसमें अपनी आने वाली नस्लों की खैरियत के लिए अपने आज को कुर्बान कर देने का जज्बा हो और इसकी मिसालें मर्द-औरत, बच्चे-बूढ़े हर उम्र के लोगों में मिल जाए, उसके लिए कामयाबी बस वक्त की बात होती है।

प्रस्तुति : अरविन्द

Topics: जाहिद बलोच स्टूडेंट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies