मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 12 वर्ष पूर्व ही पोलियो की समस्या पर समाधान प्राप्त कर लिया है मगर इन 12 वर्षों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत कुछ देशों में पोलियो के मामले सामने आए हैं. संक्रामक बीमारी होने की वजह से जब तक वायरस दुनिया से समाप्त नहीं हो जाता, खतरा बना रहेगा. इसलिए पूरी दुनिया में पोलियो उन्मूलन होने तक हमें सार्थक प्रयास करते रहना होगा. पोलियो की चपेट में जो बच्चे जिंदगी भर के लिए स्थाई विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, उनके व उनके परिवारों पर क्या बीतती होगी. इसलिए सरकार पोलियो उन्मूलन अभियान को तब तक जारी रखेगी जब तक पूरी दुनिया से यह बीमारी समाप्त नहीं हो जाती.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षों में 50 हजार मासूम इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर असमय काल कवलित हो गए थे. हमने 4 वर्ष में इसके उपचार व संपूर्ण उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए. इंसेफलाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े 95 फीसद तक नियंत्रण में हैं, अब इसके संपूर्ण उन्मूलन का अवसर है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत प्रदेश में पांच वर्ष तक के 3.80 करोड़ बच्चों को पोलियोरोधी ड्राप पिलाई जाएगी. इतने बच्चों को बीमारी से सुरक्षा कवर देने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं, साथ ही 76 हजार सचल टीमें लगाई गई हैं. जो नई पीढ़ी हमारे बीच आ रही है, हम इस अभियान को सफल बनाकर उसका बचाव करने में सक्षम होंगे. पल्स पोलियो अभियान के अलावा बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए मिशन इंद्रधनुष भी चलाया जाता है. मासूमों को पूरा टीकाकरण कवरेज समय पर देना होगा. यह हरेक बच्चे का अधिकार है, तो हम सभी का दायित्व भी.
उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 वर्षों में 50 हजार मासूम इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर असमय काल कवलित हो गए थे. हमने 4 वर्ष में इसके उपचार व संपूर्ण उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए. इंसेफलाइटिस से होने वाली मौत के आंकड़े 95 फीसद तक नियंत्रण में हैं, अब इसके संपूर्ण उन्मूलन का अवसर है.
इंसेफेलाइटिस पर नकेल कसने में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों के सामूहिक प्रयास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय व मजबूत हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है. हमें क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन की दिशा में भी तेजी से काम करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जारी वृहद अभियान में हम सभी को जुड़ना होगा. आप टीबी से ग्रस्त किसी एक बच्चे को गोद लेकर और सरकारी कार्यक्रमों से उसके उपचार से जुड़कर अपना योगदान दे सकते हैं. यह एक राष्ट्रीय अभियान है.
टिप्पणियाँ