बिहार के सिवान स्थित प्रसिद्ध मंदिर बाबा महेन्द्रनाथ के मुख्य पुजारी तारकेश्वर उपाध्याय पर सात मार्च की सुबह अपराधियों ने हमला किया। रामगढ़ गांव स्थित अपने घर से मंदिर के लिए जब तारकेश्वर उपाध्याय निकले तो चिमनी के पास पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। एक गोली उनके जबड़े में भी लगी। उन्हें तुरंत सदर अस्पताल, सिवान ले जाया गया, जहां उनकी गंभीरता को देखते हुए पीएमसीएच, पटना भेज दिया गया। मुख्य पुजारी पर चार महीने पहले भी हमला हुआ था। अपनी प्राथमिकी में तारकेश्वर उपाध्याय ने अपने गांव के ही दो लोगों को अभियुक्त बनाया था।
बाबा महेन्द्रनाथ मंदिर की ख्याति दूर—दूर तक है। यह सिवान जिले में स्थित है। इस मंदिर में हर सोमवार हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। सावन महीने में और शिवरात्रि के दिन तो श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है। इस मंदिर के साथ ही एक सरोवर भी है। ऐसी मान्यता है कि सरोवर में स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। मंदिर के निर्माण की भी एक अद्भुत कहानी है। 17वीं शताब्दी में नेपाल के राजा महेन्द्र वीर को कुष्ठ रोग हो गया था। कुष्ठ से मुक्ति के लिए वे वाराणसी गंगा स्नान करने जा रहे थे। अपनी यात्रा के क्रम में वे एक घने जंगल में पीपल वृक्ष के नीचे विश्राम करने लगे। पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने पर उन्हें एक गड्ढा मिला। महेन्द्र वीर ने उस गड्ढे के पानी से न सिर्फ अपनी प्यास बुझाई, बल्कि स्नान भी किया। स्नान करते ही उनका कुष्ठ रोग ठीक हो गया। उसी रात उनके स्वप्न में भोले बाबा ने दर्शन देते हुए कहा कि पीपल वृक्ष के नीचे खुदाई कराकर मंदिर का निर्माण कराओ। स्वप्न में दिए गए निर्देश के अनुसार उन्होंने उक्त स्थल पर खुदाई करवाई, जिससे एक बड़ा शिवलिंग निकला। महेन्द्र वीर ने ही यहां पर मंदिर का निर्माण कराया और विशाल जलाशय खुदवाया।
समय के साथ मंदिर की प्रसिद्ध बढ़ती चली गयी। अब यह लाखों श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केन्द्र बन गया है। मंदिर की संपत्ति भी बढ़ती चली गयी। कुछ समय से मंदिर के विकास पर ध्यान कम और चढ़ावे पर ज्यादा ध्यान रखा जाने लगा। मंदिर की जमीन का अधिग्रहण होने लगा और मंदिर का प्रबंधन विवादों में फंस गया। वर्तमान में मंदिर के पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता है। 16 अप्रैल, 2020 को सरोवर के दूसरी छोर पर स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत की हत्या उनके शिष्य ने कर दी थी। स्थानीय पत्रकार नवीन परमार इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं। स्थानीय लोग भी इस स्थान पर बाबा महेन्द्रनाथ की प्रसिद्धि को देखते हुए तत्काल एक पुलिस के पोस्ट की मांग विगत कई वर्षों से कर रहे हैं।
स्थानीय लोागों का मानना है कि मंदिर की संपत्ति पर कब्जा जमाने के लिए वहां के लोगों पर हमले हो रहे हैं।
टिप्पणियाँ