बिहार में भागलपुर जिले के ततारपुर थाना क्षेत्र स्थित काजवलीचक मोहल्ले में बीते देर रात पटाखा बनाने वाले आतिशबाज के घर में हुए बम विस्फोट की घटना में नौ लोगों की मौत और 11 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बाबूराम ने 5 लोगो के शव मिलने और 11 लोगों के मायागंज अस्पताल में इलाजरत होने की बात कही है।
एसएसपी बाबू राम ने शुक्रवार को बताया कि प्रारंभिक जांच में बम बनाते समय धमाका होने की बात सामने आई है। जिस घर में धमाका हुआ। उस मकान में शीला देवी और लीला देवी रहती थी। दोनों गोतनी हैं। धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास के दो और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा कुछ और घरों को भी नुकसान पहुंचा है। एसएसपी ने बताया कि मकान के टुकड़े आधा किलोमीटर दूर तक जा गिरे। धमाका शांत होने के बाद लोगों की भीड़ जुटी और लोगों की खोजबीन शुरू हुई। पांच लोगों के शव को मले से बरामद किया गया है। जबकि 11 घायलों को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रात को एक बजे करीब जेसीबी मंगाई गई और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।
एसएसपी ने बताया कि बम डिस्पोजल टीम तथा एफएसएल टीम के निरीक्षण के बाद स्थिति कुछ और स्पष्ट हो सकेगी। शुक्रवार सुबह से मलबा हटाने का काम जारी है। मलबा में शव के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है। सारा मलबा साफ होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। यहां पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक रखा गया था। विस्फोट इतना भयावह था की आसपास का इलाका थर्रा उठा। लोगों को भूकंप के झटके जैसा महसूस हुआ। विस्फोट की वजह से तातारपुर चौक और घंटाघर के आसपास तक लोग घर से बाहर निकल आए। घटना के काफी देर बाद तक बारूद की गंध पूरे शहरी इलाके में फैलती रही।
घटनास्थल पर डीआईजी, एसएसपी, डीएम समेत कई वरीय अधिकारी पहुंचे हुए है। धमाके की वजह से बिजली के पोल-तार भी बिखर गए। इस घटना में गणेश सिंह (60 वर्ष), उर्मिला देवी , राजकुमार साह और पिंकी की पुत्री (प्रियांशु 10 साल) समेत पांच लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय हो कि काजवलीचक में 14 साल बाद यह विस्फोट की घटना हुई है। काजवलीचक मोहल्ले के जिस जगह गुरुवार की रात विस्फोट हुआ। उसी जगह 2008 में भी विस्फोट हुआ था। जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। कई लोग घायल भी हुए थे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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