केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को ऑपरेशन गंगा के तहत उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए पूरे कार्य को चार भागों में बांटा गया है। पहला यूक्रेन से हमारे सभी छात्रों को पड़ोसी देशों की सीमाओं पर लाना, दूसरा उन्हें सीमा पार कराना, तीसरा हिस्सा उन्हें पड़ोसी देश की सीमा से हवाई अड्डों के लिए पर लाना और चौथा उन्हें सुरक्षित भारत पहुंचाना।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि भारतीय छात्रों के साथ समन्वय के लिए हम दो कॉल सेंटर- एक बुखारेस्ट में और दूसरा साइरेट (रोमानिया) में स्थापित कर रहे हैं। आज बुखारेस्ट (रोमानिया) से भारत के लिए 6 उड़ानें हैं। आज लगभग 1300 छात्र भारत के लिए यहां से निकल रहे हैं। अगले 2 दिनों में कुल 3500 छात्र बुखारेस्ट से और लगभग 1300 छात्र सुसेवा से भारत के लिए रवाना होंगे। वहीं, भारतीय वायु सेना के चार विमान करीब 800 भारतीय नागरिकों के साथ आज रात 1.30 बजे से कल सुबह 8 बजे के बीच गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जानकारी दी कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। अनुमान है कि अभी तक लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ चुके हैं। जिन लोगों ने अपना भारतीय पासपोर्ट खो दिया है, उन्हें आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक क्रियाविधि स्थापित की गई है। मुझे लगता है कि इससे कई भारतीय छात्रों को भी मदद मिलेगी। खार्किव में जो भारतीय फंसे हैं, उन्हें तुरंत वहां से किसी दूसरी जगह चले जाने की एडवाइजरी जारी की गई। इसके लिए खार्किव के पास की तीन जगह (पिसोचिन,बेज़लुडोव्का और बाबे) सुरक्षित जोन बताई गई। नागरिकों को आज शाम 6 बजे (यूक्रेनी समय) तक इन इलाकों में पहुंचने को कहा गया था। एडवाइजरी रूसी पक्ष से प्राप्त इनपुट के आधार पर जारी की गई है। हमने खुद से एडवाइजरी में जगह और समय तय नहीं किया है, ये इनपुट पर आधारित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। दोनों ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, विशेष रूप से खार्किव पर चर्चा की, जहां कई भारतीय छात्र फंसे हैं। उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की।
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