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दधीचि देहदान संस्थान ने लोगों को किया जागरुक

by उत्तराखंड ब्यूरो
Feb 28, 2022, 01:54 am IST
in भारत, उत्तराखंड
कार्यक्रम की तस्वीर

कार्यक्रम की तस्वीर

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डॉ. महेन्द्र पंत ने कहा कि शरीर रचना का अच्छा ज्ञान ही किसी चिकित्सक को श्रेष्ठ चिकित्सक बनाता है। जो भी व्यक्ति देहदान का संकल्प ले वो इसकी जानकारी अपने परिचितों को अवश्य दें।

 

समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सेवा और दान के संकल्प के साथ पूरा जीवन जीते हैं। ऐसे लोग संकल्प के इतने पक्के होते हैं कि किसी जरूरतमंद व्यक्ति का जीवन संवारने के उद्देश्य से अपनी देह और अपने अंगों का दान करके जाते हैं। अंगदान एंव देहदान के लिए समाज में और अधिक लोग भी प्रेरित हों, इस उद्देश्य से कार्य करने वाली दधीचि देहदान संस्था ने रविवार को यमुना कॉलोनी स्थित ऑफिसर्स क्लब में एक कार्यक्रम आयोजित किया।

देश के अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों को देहदान के संकल्प के लिए प्रेरित करने वाली संस्था दधीचि देहदान संस्था ने इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखण्ड में भी अपने कार्य का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में बतौर  मुख्य वक्ता के तौर पर  दधीचि देहदान संस्था के संस्थापक आलोक कुमार ने कहा कि देहदान करना एक आध्यात्मिक कर्म भी है। देहदान करने वाले लोग आधुनिक युग के दधीचि के समान है। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को देहदान का संकल्प लेना होगा तभी हमारा देश भारत निरामय बना रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति देहदान का संकल्प ले वो अपने शरीर को जीवन भर स्वस्थ रखने का भी प्रयास करे। इसके साथ उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर देहदान का महत्व भी बताया। ऋषिकेश एम्स के एनाटॉमी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बृजेंद्र सिंह ने स्लाइड प्रेजेंटेशन के माध्यम से शरीर रचना विज्ञान की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि देहदान इतना बड़ा कार्य है कि समाज में कुछ अच्छे लोगों के देहदान के कारण ही देश में अच्छे डॉक्टर तैयार होते हैं। देहदान करने वालों का समाज सदैव ऋणी रहता है। उन्होंने विधिवत तरीके से देहदान के बाद अस्पताल में होने वाली प्रक्रियाओं को भी बताया।

कार्यक्रम में पहुंचे दून अस्पताल के एनाटॉमी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. महेन्द्र पंत ने कहा कि शरीर रचना का अच्छा ज्ञान ही किसी चिकित्सक को श्रेष्ठ चिकित्सक बनाता है। जो भी व्यक्ति देहदान का संकल्प ले वो इसकी जानकारी अपने परिचितों को अवश्य दें। निर्मल आश्रम संस्थान ऋषिकेश के मुख्य संयोजनकर्ता आत्मप्रकाश बाबूजी ने कहा कि देहदान एक बहुत बड़ा संकल्प है। इसके बारे में जागरुकता के लिए स्कूल-कॉलेजों में भी जनजागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। कार्यक्रम में आर्शीवचन देने पहुंचे पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य स्वामी कैलाशानन्द गिरी जी ने कहा कि देहदान का संकल्प एक पुण्य कार्य है और इसका उल्लेख वेद-पुराणों में भी मिलता है। किसी जरूरतमंद व्यक्ति के हित और राष्ट्रहित में यदि हमारा यह शरीर काम आए तो यह सबसे बड़ा परोपकार है। उन्होंने कहा कि देहदान को प्रेरित करने वाले इस प्रकार के कार्यक्रम देश में हर जगह होने चाहिए और इनमें यदि उनके सहयोग की आवश्यकता होगी तो वह भी सहयोग करेंगे।

देहदान समिति के अध्यक्ष डॉ. मुकेश गोयल ने कहा कि विश्व संवाद केन्द्र के निदेशक एवं वरिष्ठ प्रचारक विजय कुमार जी की प्ररेणा से देहरादून में यह कार्य शुरू हो पाया है। मुकेश गोयल ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर कई लोगों ने देहदान एवं नेत्रदान का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम का संचालन नीरज कुमार ने किया। कार्यक्रम में भारत गगन अग्रवाल, सुमित अधलखा, कृष्ण कुमार अरोड़ा, नैनीताल हाई कोर्ट के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल, दून अस्पताल के डॉ. राजेश मौर्य, विश्व संवाद केन्द्र के निदेशक विजय कुमार, संजय जी, लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, चंद्र गुप्त विक्रम, आजाद सिंह रावत, विनोद मितल, अरुण भदौरिया, संदीप गुप्ता, शशिकांत गोयल, विजय स्नेही, अर्जुनदास, संजय सिंघल, अनिल डोरा, हरीश कटारिया, चंद्रकांत पाण्डे आदि लोग उपस्थित रहे।

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