बिहार में बम धमाकों की गूंज शांत नहीं हो रही है। भागलपुर में दिसंबर माह में लगातार बम धमाके हुए। इसके अलावा सीतामढ़ी और कुछ अन्य जगहों पर भी बम धमाके हुए। जनवरी माह में लगता है आतंकियों ने थोड़ा विश्राम किया था या फिर रेकी कर नये स्थान की पहचान की थी। फरवरी में पुनः धमाके शुरू हो गये। इस बार खगड़िया में बस स्टैंड के पास बम धमाका हुआ है। इस बम धमाके में 12 लोग घायल हुए हैं। इनमें सात लोगों की स्थिति गंभीर है।
खगड़िया में 24 फरवरी की शाम को बखरी बस स्टैंड के समीप यह बम धमाका हुआ। आतंकियों ने पुराने तरीके को ही अपनाया है। इस बार भी बम को कूड़ा वाले स्थान पर रखा गया था। प्लास्टिक में रखे बम को बच्चे घर ले आये। घर में उन लोगों ने प्लास्टिक को खोलकर देखा तो पटाखानुमा सामान दिखा। इसी क्रम में चार धमाके हुए, जिसमें घर में रह रहे सभी लोग जख्मी हो गये। इलाके में हड़कंप मच गया। घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। घायलों की पहचान मंगल सदा के पांच वर्षीय पुत्र साजन कुमार, अशोक सदा के आठ वर्षीय पुत्र राजा कुमार, दिनेश सदा के पुत्र टिंकू कुमार, मंगल सदा के पुत्र अर्जुन सदा, सतीश सदा, अशोक सदा, श्रवण कुमार के पुत्र सुदय कुमार और छोटू सदा की पत्नी बिजली देवी के रूप में हुई है।
घायल लोगों ने बताया कि वे लोग नगर थाना क्षेत्र के मथुरापुर से कूड़ा लेकर आए थे। ये सभी दाननगर स्थित पेट्रेल पंप के बगल के अपनी झोपड़ी में कचरे को चुन रहे थे। इसी दौरान जोरदार धमाका हो गया। पत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहला धमाका हल्के आवाज का था, लेकिन सबसे अंतिम धमाका काफी जोरदार था।
खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के अनुसार धमाके की जांच के लिए एफएसएल और बम स्काॅयड की टीम पहुंच गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल के ठीक बगल से गुजरने वाले बरौनी-कटिहार रेलखंड के रेल ट्रैक के बगल में भी कुछ पटाखे जैसी चीज होने की आशंका है। फिलहाल एफएसएल की रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि बम के बनाने में किन पदार्थों का उपयोग किया गया था।
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