आत्महत्या रोकथाम मुद्दे पर सदनों में हो स्वस्थ चर्चा
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आत्महत्या रोकथाम मुद्दे पर सदनों में हो स्वस्थ चर्चा

by WEB DESK
Feb 21, 2022, 03:05 am IST
in भारत, राजस्थान
राजस्थान विधानसभा, प्रतीकात्मक चित्र

राजस्थान विधानसभा, प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया – 2020 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश में वर्ष 2017 से लगातार आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है

 

भूपेश दीक्षित 

हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिहार का दौरा किया था। विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण के लिए सदन में टकराव और गतिरोध नहीं बल्कि चर्चा और संवाद होना चाहिए। आत्महत्या के मामलों में भी देश के समस्त सदनों में बिल्कुल ऐसा ही देखने को मिलता है। अक्सर यह देखने में आया है की जब-जब किसी भी सदन में आत्महत्या के मामलों के सम्बन्ध में चर्चा होती है तो वह चर्चा अमूमन किसानों, बेरोजगारों या मेडिकल स्टूडेंट्स के आत्महत्या के मामलों तक सीमित हो जाती है या फिर पक्ष-विपक्ष अपने-अपने कार्यकाल का हवाला देकर चर्चा को राजनीतिक मोड़ देते हुए आत्महत्या जैसे संवेदनशील और जन स्वास्थ्य से जुड़े विषय पर चर्चा एवं  संवाद को गतिरोध और टकराव में तब्दील कर देते हैं। देश में आत्महत्या के मामलों के संबंध में अलग-अलग सदनों में लगने वाले प्रश्नों और उनके जवाब पर होने वाली चर्चा में अभी तक जनता को ऐसा ही शोरगुल देखने को मिल रहा है।

यदि हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया – 2020 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश में वर्ष 2017 से लगातार आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2020 में आत्महत्या के मामलों में 17.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। भारत में जहां साल 2017 में 1,29,887 लोगों ने अपना जीवन स्वयं समाप्त कर लिया वहीँ देश में वर्ष 2020 में सुसाइड के मामलों की संख्या 1.5 लाख को पार कर गयी, जिसमें से 1 लाख से अधिक लोग 18-45 आयुवर्ग के हैं जो कि चिंतनीय स्थिति को साफ़-साफ़ दर्शा रहा है । भारत के 28 राज्य में से 24 राज्य आत्महत्या के बढ़ते मामलों की चपेट में हैं, लेकिन किसी भी राज्य के सदन में आत्महत्या रोकथाम पर कहीं कोई व्यापक चर्चा, स्वस्थ संवाद या विशेष सत्र देखने को नहीं मिल रहा है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि 200 विधानसभा सीट क्षेत्र वाला यह प्रदेश जिसकी आबादी लगभग 7.5 करोड़ है, उसके वर्तमान में चल रही 15वीं विधानसभा के 7वें सत्र में आत्महत्या के मामलों से सम्बंधित केवल एक प्रश्न लगा है। यह प्रश्न राजस्थान के आमेर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से पूछा गया है। जबकि एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर राजस्थान में वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में आत्महत्या के मामलों में 24.9 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। ज्ञात हो कि राजस्थान जैसे बड़े राज्य में वर्ष 2020 में 5658 व्यक्तियों ने अपना जीवन स्वयं नष्ट कर लिया जो कि बीते कुछ वर्षों में सबसे अधिक है। सभी रिपोर्ट और आंकड़ों के आधार पर हम कह सकते हैं कि देश में लगातार बढ़ रही आत्महत्या की समस्या पर राजनेता अभी भी गंभीर और प्रतिबद्ध नज़र नहीं आते।

आत्महत्या रोकथाम के साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक तरीकों व तथ्यों पर बातचीत नहीं होने की वजह से देश में आज भी आत्महत्या एक राजनैतिक, चिकित्सीय व व्यक्तिगत मुद्दा तो बनता है लेकिन सदन में व्यापक चर्चा अथवा स्वस्थ संवाद, लोकस्वास्थ्य, सामुदायिक, समाजिक और आर्थिक मुद्दा बनने से पिछड़ जाता है। ऐसे में अब उपयुक्त समय आ गया है जब देश की सदनों और लोकतान्त्रिक संस्थाओं में आत्महत्या रोकथाम रणनीतियों पर खुलकर संवाद तथा चर्चा हो और भारत सरकार या फिर राज्य सरकारें जनता के कल्याण के लिए अतिशीघ्र आत्महत्या रोकथाम रणनीति बनाकर उसे जनता को समर्पित करें ताकि समय रहते सभी के सामूहिक सहयोग, प्रभावी समन्वयन व उपायों से देश में निरंतर बढ़ रहे आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयासों एवं जोखिमों के मामलों में कमी लायी जा सके तथा लाखों लोगों की जिंदगियों को अकाल मृत्यु के मुख में जाने से बचाया जा सके।

(लेखक जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं) 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

‘आपरेशन सिंदूर’: दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies