आत्महत्या रोकथाम मुद्दे पर सदनों में हो स्वस्थ चर्चा
Friday, July 1, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

आत्महत्या रोकथाम मुद्दे पर सदनों में हो स्वस्थ चर्चा

WEB DESK by WEB DESK
Feb 21, 2022, 03:05 am IST
in भारत, राजस्थान
राजस्थान विधानसभा, प्रतीकात्मक चित्र

राजस्थान विधानसभा, प्रतीकात्मक चित्र

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया – 2020 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश में वर्ष 2017 से लगातार आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है

 

भूपेश दीक्षित 

हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिहार का दौरा किया था। विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण के लिए सदन में टकराव और गतिरोध नहीं बल्कि चर्चा और संवाद होना चाहिए। आत्महत्या के मामलों में भी देश के समस्त सदनों में बिल्कुल ऐसा ही देखने को मिलता है। अक्सर यह देखने में आया है की जब-जब किसी भी सदन में आत्महत्या के मामलों के सम्बन्ध में चर्चा होती है तो वह चर्चा अमूमन किसानों, बेरोजगारों या मेडिकल स्टूडेंट्स के आत्महत्या के मामलों तक सीमित हो जाती है या फिर पक्ष-विपक्ष अपने-अपने कार्यकाल का हवाला देकर चर्चा को राजनीतिक मोड़ देते हुए आत्महत्या जैसे संवेदनशील और जन स्वास्थ्य से जुड़े विषय पर चर्चा एवं  संवाद को गतिरोध और टकराव में तब्दील कर देते हैं। देश में आत्महत्या के मामलों के संबंध में अलग-अलग सदनों में लगने वाले प्रश्नों और उनके जवाब पर होने वाली चर्चा में अभी तक जनता को ऐसा ही शोरगुल देखने को मिल रहा है।

Download Panchjanya App

यदि हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया – 2020 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश में वर्ष 2017 से लगातार आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2020 में आत्महत्या के मामलों में 17.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। भारत में जहां साल 2017 में 1,29,887 लोगों ने अपना जीवन स्वयं समाप्त कर लिया वहीँ देश में वर्ष 2020 में सुसाइड के मामलों की संख्या 1.5 लाख को पार कर गयी, जिसमें से 1 लाख से अधिक लोग 18-45 आयुवर्ग के हैं जो कि चिंतनीय स्थिति को साफ़-साफ़ दर्शा रहा है । भारत के 28 राज्य में से 24 राज्य आत्महत्या के बढ़ते मामलों की चपेट में हैं, लेकिन किसी भी राज्य के सदन में आत्महत्या रोकथाम पर कहीं कोई व्यापक चर्चा, स्वस्थ संवाद या विशेष सत्र देखने को नहीं मिल रहा है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि 200 विधानसभा सीट क्षेत्र वाला यह प्रदेश जिसकी आबादी लगभग 7.5 करोड़ है, उसके वर्तमान में चल रही 15वीं विधानसभा के 7वें सत्र में आत्महत्या के मामलों से सम्बंधित केवल एक प्रश्न लगा है। यह प्रश्न राजस्थान के आमेर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से पूछा गया है। जबकि एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर राजस्थान में वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में आत्महत्या के मामलों में 24.9 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। ज्ञात हो कि राजस्थान जैसे बड़े राज्य में वर्ष 2020 में 5658 व्यक्तियों ने अपना जीवन स्वयं नष्ट कर लिया जो कि बीते कुछ वर्षों में सबसे अधिक है। सभी रिपोर्ट और आंकड़ों के आधार पर हम कह सकते हैं कि देश में लगातार बढ़ रही आत्महत्या की समस्या पर राजनेता अभी भी गंभीर और प्रतिबद्ध नज़र नहीं आते।

आत्महत्या रोकथाम के साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक तरीकों व तथ्यों पर बातचीत नहीं होने की वजह से देश में आज भी आत्महत्या एक राजनैतिक, चिकित्सीय व व्यक्तिगत मुद्दा तो बनता है लेकिन सदन में व्यापक चर्चा अथवा स्वस्थ संवाद, लोकस्वास्थ्य, सामुदायिक, समाजिक और आर्थिक मुद्दा बनने से पिछड़ जाता है। ऐसे में अब उपयुक्त समय आ गया है जब देश की सदनों और लोकतान्त्रिक संस्थाओं में आत्महत्या रोकथाम रणनीतियों पर खुलकर संवाद तथा चर्चा हो और भारत सरकार या फिर राज्य सरकारें जनता के कल्याण के लिए अतिशीघ्र आत्महत्या रोकथाम रणनीति बनाकर उसे जनता को समर्पित करें ताकि समय रहते सभी के सामूहिक सहयोग, प्रभावी समन्वयन व उपायों से देश में निरंतर बढ़ रहे आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयासों एवं जोखिमों के मामलों में कमी लायी जा सके तथा लाखों लोगों की जिंदगियों को अकाल मृत्यु के मुख में जाने से बचाया जा सके।

(लेखक जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं) 

ShareTweetSendShareSend
Previous News

कांकेर : नक्सली मुठभेड़ मामले में 35 नक्सलियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध

Next News

सुकमा : लूटपाट व ग्रामीण की हत्या में शामिल पांच नक्सली गिरफ्तार

संबंधित समाचार

मासूम बच्ची और उसकी मां से गैंगरेप के 5 आरोपी गिरफ्तार, टिकैत गुट का किसान नेता भी शामिल

मासूम बच्ची और उसकी मां से गैंगरेप के 5 आरोपी गिरफ्तार, टिकैत गुट का किसान नेता भी शामिल

नर्सिंग और पैरा मेडिक्स में अवसर अपार, युवाओं के लिए खुले नौकरी के द्वार

नर्सिंग और पैरा मेडिक्स में अवसर अपार, युवाओं के लिए खुले नौकरी के द्वार

मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं : सीएम योगी

मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं : सीएम योगी

जौनपुर में 30 करोड़ रूपये की जमीन से जिला प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

जौनपुर में 30 करोड़ रूपये की जमीन से जिला प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

सही शिक्षा का महत्व

सही शिक्षा का महत्व

बीजेपी की जीत पर अब्दुल ने बांटी मिठाई, पड़ोसियों ने लाठी डंडों से पीटकर किया अधमरा

सिख्स फार जस्टिस से रूपए लेकर खालिस्तानी नारे लिखने वाले तीन गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मासूम बच्ची और उसकी मां से गैंगरेप के 5 आरोपी गिरफ्तार, टिकैत गुट का किसान नेता भी शामिल

मासूम बच्ची और उसकी मां से गैंगरेप के 5 आरोपी गिरफ्तार, टिकैत गुट का किसान नेता भी शामिल

नर्सिंग और पैरा मेडिक्स में अवसर अपार, युवाओं के लिए खुले नौकरी के द्वार

नर्सिंग और पैरा मेडिक्स में अवसर अपार, युवाओं के लिए खुले नौकरी के द्वार

मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं : सीएम योगी

मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं : सीएम योगी

जौनपुर में 30 करोड़ रूपये की जमीन से जिला प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

जौनपुर में 30 करोड़ रूपये की जमीन से जिला प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

सही शिक्षा का महत्व

सही शिक्षा का महत्व

बीजेपी की जीत पर अब्दुल ने बांटी मिठाई, पड़ोसियों ने लाठी डंडों से पीटकर किया अधमरा

सिख्स फार जस्टिस से रूपए लेकर खालिस्तानी नारे लिखने वाले तीन गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर से लाई जा रही 111 करोड़ की हेरोइन बरामद, चार गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर से लाई जा रही 111 करोड़ की हेरोइन बरामद, चार गिरफ्तार

फिर भाजपा के साथ खड़ा दिखेगा अकाली दल (बादल)

फिर भाजपा के साथ खड़ा दिखेगा अकाली दल (बादल)

वंदे मातरम् गायन के समय खड़े न होने वाले विधायक सउद आलम ने कहा, ”भारत अभी हिंदू राष्ट्र नहीं है’

वंदे मातरम् गायन के समय खड़े न होने वाले विधायक सउद आलम ने कहा, ”भारत अभी हिंदू राष्ट्र नहीं है’

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्ट में जुटेंगे दिग्गज साहित्यकार, पाञ्चजन्य भी कर रहा है सहभागिता

हल्द्वानी लिटरेचर फेस्ट में जुटेंगे दिग्गज साहित्यकार, पाञ्चजन्य भी कर रहा है सहभागिता

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies