कर्नाटक में हिजाब विवाद मामले में जहां मुस्लिम संगठन और कथिक सेकुलर नेता स्कूलों में हिजाब का समर्थन कर रहे हैं, वहीं इसका विरोध भी हो रहा है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि स्कूलों में ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए। यूनिफार्म से समानता के अधिकार का पालन होता है। असदुद्दीन ओवैसी और प्रियंका वाड्रा समेत कई नेता हिजाब के पक्ष में हैं, वहीं खान अब्दुल गफ्फार खान की पोती यासमीन निगार खान ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में एक यूनिफॉर्म कोड का पालन जरूरी है। यदि चेहरे को बुर्का या फिर हिजाब से स्कूल परिसर में ढकेंगे तो वहां पहचान का एक मुद्दा बनेगा। यासमीन निगार खान कोलकाता में रहती हैं।
वहीं, हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। गुरुवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष रखा। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए। सिब्बल ने इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पर अभी हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी। अभी हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट में ये सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगी तो हाईकोर्ट सुनवाई नहीं करेगा।
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