आपसी उठापठक और अन्तर्कलह से घिरी पंजाब कांग्रेस के लिए उस समय वज्रपात हुआ, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी को गिरफ्तार कर लिया। ऐन चुनाव के मौके पर हुई इस गिरफ्तारी से कांग्रेस सकते में है। वहीं, विपक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल को घेरने का मुद्दा मिल गया है।
ईडी की टीम ने गुरुवार देर रात करीब दो बजे हनी को गिरफ्तार कर किया। इससे पूर्व अवैध खनन मामले में 2018 में दर्ज एक मामले में 18 जनवरी को भूपिंदर सिंह हनी के मोहाली, लुधियाना व पठानकोट स्थित ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी को भूपिंदर के ठिकाने से 7.9 करोड़, भूपिंदर के साथी संदीप के ठिकाने से 2 करोड़, 21 लाख के सोने के गहने तथा 12 लाख की रोलेक्स घड़ी बरामद की थी। इसी सिलसिले में ईडी ने गुरुवार को जालंधर स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए हनी को बुलाया था। करीब 9 घंटे तक पूछताछ के दौरान हनी घबरा गया और उसने ईडी अधिकारियों के समक्ष तबियत बिगड़ने की बात कही। इसके बाद उसे जालंधर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। रात करीब 1 बजे अस्पताल ने भूपिंदर की सभी जांच रिपोर्ट को सामान्य बताया, जिसके बाद रात लगभग 2 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने छापामारी के दौरान कहा था कि देशभर में माफिया द्वारा करोड़ों रुपये छुपाए गए हैं, जिसे ईडी द्वारा उजागर किया जा रहा है। केवल पंजाब में अवैध रेत खनन मामले लगभग दर्जनभर जगहों पर छापेमारी की गई।
कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने से पहले भूपिंदर सिंह हनी की गिरफ्तारी से चरणजीत सिंह चन्नी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले को लेकर विपक्ष चन्नी पर हमलावर रहा है। राज्य में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चन्नी व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दौड़ में बताए जा रहे हैं, इसीलिए चन्नी के घिरने के बाद सिद्धू मौन साध गए हैं और मुख्यमंत्री को पार्टी का भी साथ नहीं मिल रहा है।
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