पुस्तक समीक्षा  :राष्टÑीय गौरव का भान
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पुस्तक समीक्षा  :राष्टÑीय गौरव का भान

by
Mar 5, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Mar 2018 12:09:38

किसी विद्वान ने कहा है कि आपको दुनिया के बारे में भले कितनी ही जानकारी हो, अगर आप अपने राष्टÑ के बारे में नहीं जानते तो आपका ज्ञान अधूरा है। आज के प्रतियोगी युग में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों की जानकारी देने वाली तरह-तरह की पुस्तकें बाजार में आ रही हैं। इन पुस्तकों में शायद ही कोई पुस्तक होगी जिसमें भारत से जुड़ी अधिकांश जानकारियां बहुत कम पृष्ठों में संकलित हों। भारत के बारे में संपूर्ण ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और अन्य तरह की जानकारियां देने वाली छोटी-सी पुस्तक ‘पुण्यभूमि भारत’ हाल ही में ज्ञान गंगा प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित हुई है। पुस्तक के संकलनकर्ता नाथराव ने अत्यंत परिश्रम से ऐसी कई जानकारियां इसमें संकलित की हैं जो सामान्यत:  हर भारतीय नागरिक को मालूम होनी चाहिए। इसकी विशेषता यह भी है कि इसमें संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी तीनों ही भाषाओं का उपयोग किया गया है। इस पुस्तिका में नैसर्गिक भारत, भौगोलिक भारत, आध्यात्मिक भारत, ऐतिहासिक भारत, मृत्युञ्जय भारत आदि अध्यायों के अंतर्गत भारत से संबंधित सभी जानकारियां संकलित हैं। पुस्तक का प्रारंभ ही प्रार्थना से किया गया है जिसमें त्रिदेव, सप्तस्वर, सप्तऋषि, सप्तपर्वत, सप्तद्वीप, सप्तभुवन, नवग्रह के साथ पंचतत्वों की वंदना की गई है।
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणं।
वर्षं तद्भारतं नाम भारती यत्र संतति:॥

        पुस्तक  समीक्षा
पुस्तक का नाम :    पुण्यभूमि भारत    
संकलनकर्ता     :    नाथराव
प्रकाशक          :   ज्ञान गंगा प्रकाशन जयपुर   
पृष्ठ                 :   48
मूल्य                :   रु. 90/-

उक्त श्लोक के माध्यम से बताया गया है कि समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो भूभाग है, उसका नाम भारत है एवं हम भारतीय उसकी संतान हैं। उत्तर में पर्वतराज हिमालय और पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में तीनों सागर भारत की प्राकृतिक सीमाएं हैं।  ‘भौगोलिक भारत’ अध्याय में भारत की प्रमुख नदियों और उनके उद्गम स्थल तथा प्रमुख पर्वत और उनके राज्यों की जानकारी दी गई है। सामान्यत: हम कुछ पर्वतों के बारे में ही जानते हैं लेकिन इस पुस्तक में बताया गया है कि भारत में महेंद्र, मलय, सह्याद्रि और रैवतक आदि पर्वत भी हैं। ‘देवभूमि भारत’ में भारत के चार धाम, चार मठ, चार कुंभ, पंचसरोवर और सप्तपुरियों के बारे में बताया गया है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ 12 प्रमुख शक्तिपीठों और 12 चुने हुए वैष्णव क्षेत्रों की जानकारी भी पाठकों के लिए नवीन है। भारत के प्रमुख बौद्ध, जैन और सिख तीर्थों की जानकारी भी पाठकों को इसी में मिलती है। प्राचीन भारत में प्रचलित पंथ और मतों के प्रमुख आचार्य, प्रमुख वैज्ञानिक व साहित्य कला की प्रमुख विभूतियों की जानकारी भी उपयोगी है। नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों के बारे में तो विश्व जानता है किंतु यह पुस्तक बताती है कि प्राचीन भारत में अलग-अलग प्रांतों में 15 विश्वविद्यालय कार्यरत थे। ‘मृत्युञ्जय भारत’ अध्याय में त्रिमूर्ति, त्रिगुण, चार आश्रम, चार पुरुषार्थ, पंच महाभूत, पंच नियम, पंच यम और 16 संस्कारों की जानकारी दी गई है। ‘ऐतिहासिक भारत’ के अंतर्गत प्राचीन भारत के प्रमुख चक्रवर्ती सम्राटों, प्रमुख युद्ध क्षेत्रों, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और समाजसेवकों के अलावा 1857 के बाद भारत से विलग हुए प्रदेशों की जानकारी के साथ अखंड भारत का संकल्प भी है। समाज से छुआछूत मिटाने हेतु समरस भारत का संदेश भी है। योगमय भारत में वर्तमान समय में योग की वैश्विक स्वीकार्यता भी दर्शाई गई है। ये समस्त जानकारियां चित्रों और मानचित्रों के माध्यम से भी दी गई हैं, ताकि आसानी से समझ में आ सकें और पाठकों के लिए स्मरणीय बनी रहें। पुस्तक में भक्ति के क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख संतों और शक्ति के क्षेत्र में प्रसिद्ध वीरों की जानकारी भी संकलित है। पुस्तक में दर्शनीय भारत में प्रेरक तीर्थस्थलों के पते दिए गए हैं। यह पुस्तक अलग इसलिए है कि इसकी एक विशेषता यह है कि प्रत्येक पूर्णिमा पर कोई विशेष जयंती या उत्सव की जानकारी एक साथ दी गई है। पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर पांच अंतरों वाला संपूर्ण जन-गण-मन दिया गया है। बढ़िया कागज पर रंगीन छपाई वाली बहुरंग यह पुस्तक पाठकों को भारत राष्टÑ की कई ऐसी ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारियों से अवगत कराती है जो प्रत्येक भारतीय के लिए आवश्यक हैं। पुस्तक का मुखपृष्ठ और आकर्षक तथा जिज्ञासापरक हो सकता था। संक्षिप्त में कहें तो यह पुस्तक पाठकों का भारत के राष्टÑीय गौरव से साक्षात् तो कराती है, साथ ही छोटी-छोटी जानकारियों के कारण गागर में सागर का रूप भी है।      डॉ. नरेंद्र इष्टवाल

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies