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4 फरवरी, 2018
आवरण कथा ‘दरका दरबार’ ने पूरे देश की आंखें खोल दी हैं। जो लोग अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को ‘दूध का धुला’ बताते नहीं थकते थे, वे अब मौन हैं। क्योंकि ऐसे लोगों ने आंख बंद करके अरविंद केजरीवाल और उनके कार्यकर्ताओं पर विश्वास किया था। पर उन्हें पता नहीं था कि ‘ईमानदारी का मुखौटा’ पहने केजरीवाल भी कानून के विरुद्ध काम करते हैं। अब जब चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी के 20 विधायकों
की सदस्यता रद्द कर दी, तो सच सामने आ गया है।
—कृष्ण वोहरा, सिरसा (हरियाणा)
जिन सिद्धातों के आधार पर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था वे कब के रद्दी की टोकरी में फेंके जा चुके हैं। एक के बाद एक उनका झूठ और भ्रष्टाचार पकड़ा जा रहा है, फिर भी उनके नेता जनता को भ्रमित करने से बाज नहीं आ रहे। अपने को ईमानदार कहने वाले अरविंद केजरीवाल राज्यसभा चुनाव के बाद कितने बदनाम हो गए हैं, इसे दिल्ली के लोगों से अच्छा कौन जान सकता है।
—विजय कुमार सिंह, विकासपुरी (नई दिल्ली)
असली चेहरा
‘लाल आतंक पर चुप्पी क्यों?’ रपट केरल में हो रहे अत्याचार को सामने रखती है। हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं पर होती हिंसा वामपंथ के क्रूर चेहरे को उजागर करती है। एक तरफ दिल्ली में बैठकर मीडया के सामने इनके नेता गरीबों के विकास की बात करते नहीं थकते, जबकि इनकी जहां सरकार होती हैं, वहां भ्रष्टाचार करते हैं, गरीबों को प्रताड़ित करते हैं। आखिर ये कब तक देश की जनता को भ्रमित करेंगे?
—महेश चंद्र गंगवाल, अजमेर ( राज.)
मुस्तैद रहने की जरूरत
रपट ‘निशाने पर काशी विश्वनाथ’ न केवल खुफिया एजेंसियों पर सवाल उठाती है बल्कि स्थानीय शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। कैसे स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी? जबकि इस जगह से ठीक 100 मीटर की दूरी पर काशी विश्वनाथ का मंदिर है। राज्य सरकार को ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना होगा और फिर कहीं ऐसी घटना न घटे, उसके लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
—बी.एल.सचदेवा, 263,आईएनए मार्केट(नई दिल्ली)
मुंंहतोड़ जवाब देने का समय
पाकिस्तान की ओर से आएदिन संघर्षविराम का उल्लंघन किया जाता है। पिछले कुछ अरसे के आंकड़ों को देखें तो उसकी ओर से नियंत्रण रेखा पर किए जा रहे हमलों में बड़ा अंतर आया है। पाकिस्तान भारत की राह में रोड़ा अटकाना चाहता है क्योंकि वह जानता है कि विश्वस्तर पर भारत की छवि एक मजबूत राष्ट्र की बन चुकी है। ऐसे में उसे कैसे नुकसान पहुंचाया जाए, इसके लिए वह बौखलाया हुआ है और सीमा पार कश्मीर में आतंक फैलाए हुए है। सेना को पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देना होगा और ऐसी सुदृढ़ नीति बनानी होगी जिससे सदैव के लिए ऐसे हमलों पर लगाम लगे।
—रामदास गुप्ता, जनता मिल (जम्मू-कश्मीर)
सभी को अपनाता हिंदुत्व
नरेंद्र मोदी का ‘हिंदुत्व संकीर्ण हो ही नहीं सकता (28 जनवरी, 2018)’ साक्षात्कार आज भी प्रासंगिक है। यह हिन्दुत्व की उदारता और सदाश्यता ही है कि वह जहां रहता है, वहां की धरा में माता, पेड़-पौधों में देवी-देवता और पशु तक में भगवान का रूप देखता है। कोई बड़ा-छोटा नहीं, सबमें समान भाव—यही हमारी संस्कृति रही है। समस्त संसार को अपना मानने वाला अगर कोई धर्म है तो वह हिन्दुत्व ही है। लेकिन फिर भी कुछ लोग हिन्दुत्व के खिलाफ पता नहीं क्या-क्या बोलते रहते हैं। दरअसल ऐसे लोग हिन्दुत्व को जानते ही नहीं। —मनोहर मंजुल, प.निमाड़ (म.प्र.)
बहुत है कठिन
जीना मुश्किल हो गया, मरने का अधिकार
न्यायालय ने दे दिया, सुने सकल संसार।
सुने सकल संसार, सरल है मुंह से कहना
मगर बहुत है कठिन, वास्तव में यों मरना।
कह ‘प्रशांत’ तुम खुली आंख को जानो
मानो बंद हुई तो मृत्यु साफ-साफ पहचानो॥
— ‘प्रशांत’
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