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''परिवार विखंडन को रोकने के लिये कुटुम्ब का प्रबोधन, समाज में संस्कार का निर्माण समय की आवश्यकता है। साथ ही वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। आने वाले समय में एशिया और विशेषकर भारत की भूमिका निर्णायक एवं महत्वपूर्ण होने वाली है।'' उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ़ मनमोहन वैद्य ने कहीं। वे गत दिनों वृंदावन के केशव धाम में हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक के समापन के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि बैठक में सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, सीमा क्षेत्र में जागरण आदि विषयों पर मंथन हुआ। डॉ. वैद्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाज में आज भी जाति भेद बड़ी समस्या है। संघ का स्पष्ट मत है कि हम सब इस पवित्र भूमि की संतान हैं और कहीं कोई भेद नहीं है। संघ समाज जीवन से जुड़ा संगठन है और शाखा के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, कला आदि क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। बैठक में 35 समविचारी संगठनों के प्रमुखों ने अपने अनुभवों का एक दूसरे से आदान-प्रदान किया। वैसे यह बैठक कोई निर्णय लेने वाली बैठक नहीं थी। संघ के निर्णय लेने का अपना पैमाना है। प्रतिवर्ष मार्च में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा व अक्तूबर में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक में निर्णय लिए जाते हैं। पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र ठाकुर एवं पश्चिमी उ.प्र. व उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख श्री पद्म भी उपस्थित रहे। -प्रतिनिधि
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