सुरक्षा को लेकर सजग देश
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सुरक्षा को लेकर सजग देश

by
Feb 27, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 27 Feb 2017 12:26:57

29 जनवरी, 2017
आवरण कथा 'समन्वय की शक्ति' से स्पष्ट है कि भारत आज बड़ी शिद्दत से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसी चिंता के चलते उसने अपने आपको मजबूत भी किया है। वह चाहे थल, जल और नभ की बात हो, हम सभी क्षेत्रों में मजबूत हो रहे हैं। हां कुछ खतरे हैं जिनसे देश को बराबर सचेत रहने की आवश्यकता है।
—नितिन ठाकुर, देहरादून (उत्तराखंड)

 भारत अपने दुश्मन देशों से हर समय घिरा रहता है। हम अपनी बहुत सी शक्ति इनसे लड़ने में ही खर्च कर देते हैं। आए दिन इनकी ओर से होने वाले छद्म युद्ध भारत को परेशान कर रहे हैं। भारत सरकार को इसका स्थायी इलाज खोजना होगा। क्योंकि ये देश के विकास में बाधक हैं।
—मधुसूदन वर्मा, मुरादाबाद (उ.प्र.)

खिसियाहट ममता की
रपट 'ममता का फासीवाद! (29 जनवरी, 2016)' से यह बात जाहिर है कि बंगाल में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम को रोकना क्या दर्शाता है? संघ आज देश ही नहीं बल्कि विश्व में जब अपनी सेवा और राष्ट्र भावना के चलते ख्याति पा रहा है, ऐसे में ममता का उसका एकतरफा विरोध करना और सरसंघचालक के कार्यक्रम में अड़चन डालना उनकी छवि को और धूमिल करता है। पश्चिम बंगाल में उनकी तुष्टीकरण नीति राज्य को गर्त में ले जा रही है।
—अनुव्रत चौधरी, लाजपत नगर (नई दिल्ली)

अगर हम ध्यान से देखें तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही है जो राष्ट्र का अकेला स्वयंसेवी संगठन है। लेकिन फिर भी इसमें कुछ तथाकथित लोग हैं जो संघ के कार्यों में रोड़ा अटकाते हैं। शायद उन्हें संघ के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है। पहले वे लोग संघ की कार्यपद्धति को जानें, उसके बाद ही कोई मंशा स्थापित करें।
—योगेन्द्र कुमार, नर्मदापुर (म.प्र.)
 
 पश्चिम बंगाल में आए दिन होते दंगे ममता सरकार के प्रशासन की पोलपट्टी खोलते हैं। कुछ दिनों से तो राज्य में हिन्दुओं पर एक समुदाय ने कहर बरपा रखा है। ऐसा सिर्फ बंगाल में ही नहीं है, भारत के अन्य राज्यों में कमोबेश यही स्थिति होती जा रही है। इसलिए देश की जनता को चाहिए कि जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां अपने मत का सही प्रयोग करें। नहीं तो ऐसी स्थिति हर जगह होने वाली है।
—महेश गंगवाल, अजमेर (राज.)

खूनी राजनीति
रपट 'केरल या कसाईखाना' आक्रोशित करती है। आए दिन भाजपा और संघ के स्वयंसेवकों पर होते हमले और उनकी हत्याएं कम्युनिस्टों की खूनी राजनीति को देश के सामने प्रस्तुत करती हैं। ये पूरे देश में असहिष्णुता की बात करते हैं लेकिन खुद केरल और अन्य जगहों पर ये कितने असहिष्णु हैं, वह उन्हें दिखाई नहीं देता। दुख इस बात का है कि ऐसे तत्व अपने गिरेबां में नहीं झांकते। केन्द्र सरकार को राज्यों में हो रही इस तरह की घटनाओं पर ध्यान देना होगा।
    —बी.एल.सचदेवा,आएनए बाजार (नई दिल्ली)

तुच्छ स्वार्थों के लिए तोड़ते समाज
साक्षात्कार 'समाज पर फिल्मों का प्रभाव दिखता है' (29 जनवरी, 2016) अच्छा लगा। यह बिलकुल सच है कि रंगमंच का समाज पर तेजी के साथ असर पड़ता है। लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण माध्यम का कुछ लोग बड़ी चालाकी के साथ फायदा उठाते हैं। अभी कुछ समय पहले रानी पद्मावती के चरित्र को लेकर संजय लाला भंसाली की पिटाई इसका उदाहरण है। क्या भंसाली में इतनी हिम्मत है कि वे अन्य किसी मत-पंथ के मानबिंदुओं के साथ छेड़छाड़ कर सकें? शायद वे ही नहीं कोई अन्य फिल्मकार भी ऐसा सोचने की जहमत नहीं उठायेगा। क्योंकि उन्हें पता है कि हिन्दू सहिष्णु है लेकिन अन्य मत-पंथ इसके विरोध में क्या कर बैठेंगे, इसका अंदाजा तक लगाना मुश्किल है।
—कंजन वशिष्ठ, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

 राजस्थान की करणी सेना ने पद्मावती पर बन रही फिल्म के निर्देशक को छह महीने पहले रानी के चरित्र से छेड़छाड़ के विरुद्ध चेता दिया था। लेकिन उसके बाद भी वे  अपनी हरकत से बाज नहीं आए। आखिर कला इसके लिए तो नहीं है? कला तो देश को समृद्ध करती है, आपस में जोड़ती है। लेकिन भारत में कला के पुजारी देश को बांटने पर तुले हैं।
    —दिनेश राठौर,गया (बिहार)

एक सोची-समझी साजिश के तहत भारत में कुछ लोग भारतीयता के भाव के साथ छेड़छाड़ करने और इसे विकृत करने में लगे हुए हैं। यह मानसिक दिवालियापन है। भंसाली ने सिर्फ एक क्षत्राणी का ही अपमान नहीं किया बल्कि समूची भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीयता का अपमान किया है। उन्हें राजस्थान की क्षत्राणियों की वीरगाथाएं पढ़नी चाहिए। क्योंकि यहीं की वीरांगनाओं में यह दम कि उन्होंने अकबर सरीखे मुगल बादशाह को सिर झुकाने पर मजबूर कर दिया।
             —सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा, काडंरवासा (म.प्र.)

 अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इतिहास को कलंकित किया जा रहा है। आने वाली पीढ़ी ऐसे विकृत इतिहास को पढ़कर क्या करेगी, कभी समाज ने सोचा है? एक तरफ तो ऐसे लोग प्रेम और भाईचारे का राग अलापते हैं, लेकिन यही लोग मौका पाते ही समाज में छुरा भोंकते हैं। अगर इन फिल्मकारों को इतिहास से इतना ही प्रेम है तो स्वामी विवेकानंद, दयानंद, और अन्य महान लोगों पर फिल्म बनाएं।
—हरिहर सिंह चौहान, इंदौर (म.प्र.)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies