सोशल मीडिया-कांग्रेस फिर नरम हिंदुत्व की ओर
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सोशल मीडिया-कांग्रेस फिर नरम हिंदुत्व की ओर

by
Dec 11, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Dec 2017 11:25:31

पं. नेहरू ने हिंदुओं से दूरी बनाकर रखी, जबकि इंदिरा गांधी ने नरम हिंदुत्व की नीति अपनाई थी। लेकिन राजीव गांधी हिंदुत्व और सेकुलरिज्म के बीच उलझ गए, जबकि सोनिया-मनमोहन युग में कांग्रेस खुलकर हिंदू विरोध पर उतर आई थी। अब राहुल को शिवभक्त बताकर कांग्रेस पुराने रास्ते पर चलती दिख रही है

यह सच है कि सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार पं. नेहरू के सेकुलर एजेंडे में नहीं था। सरदार पटेल की पहल पर ही इसका पुनरुद्घार संभव हुआ था। नेहरू की लोकप्रियता शिखर पर थी। इसके चलते हिंदुओं के प्रति उन्होंने दूरी रखी। नेहरू ने बड़े संकोच में घुमा-फिरा कर यह इच्छा व्यक्त की थी कि मरणोपरांत उनकी अस्थियों की एक मुट्ठी राख संगम में भी विसर्जित की जाए। उस समय नेहरू के बाद आए लालबहादुर शास्त्री परंपरावादी थे। राजनेता के साथ लोहिया सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रखर अग्रदूत थे। भारतीय जनसंघ उभार ले रहा था। इस परिदृश्य में इंदिरा गांधी ने नरम हिंदुत्व की नीति अपनाई। मां आनंदमयी के यदा-कदा दर्शन, गले में रुद्राक्ष की माला और सिर पर पल्लू उनके बहुत काम आया। हालांकि गोवध निषेध आंदोलन में साधु-संतों पर निर्ममता से लाठीचार्ज इंदिरा गांधी सरकार ने ही करवाया था लेकिन राजीव गांधी नरम हिंदुत्व व सेकुलरिज्म के बीच उलझ गए। राम जन्मभूमि का ताला खुला तो मुसलमान तिलमिला गए। राजीव ने उन्हें खुश करने को शाहबानो मामले में संसद में विधेयक पारित करा कर सुप्रीम कोर्ट का आदेश निष्प्रभावी कर लाखों मुस्लिम महिलाओं का हक छीना। सोनिया-मनमोहन युग में कांग्रेस खुल कर हिंदू विरोध पर उतर आई। जो कांग्रेस नेता यह कहते नहीं थकते थे कि आतंकवाद का कोई रंग और मजहब नहीं होता, उसी कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भगवा आतंकवाद की खोज कर ली। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर मनमोहन सरकार ने राम के अस्तित्व से ही इनकार कर उन्हें कवि की कोरी कल्पना बताने का पाप किया। उसी दौर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था—‘संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है।’ सेना में भी मजहब के आधार पर सिर गिनने की कोशिश हुई थी। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सोनिया, राहुल और मनमोहन सिंह ने राहत शिविरों में दंगा पीड़ित अल्पसंख्यकों का हालचाल तो जाना पर किसी भी पीड़ित हिंदू के घर जाने से परहेज किया। वे कहने को एक हिंदू राजेश वर्मा के घर गए, वह भी इसलिए कि वह पत्रकार था। बहुत से लोगों को याद होगा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय के कारणों की पड़ताल के लिए गठित एंटनी समिति ने बहुसंख्यक समाज की उपेक्षा को एक बड़ा कारण माना था। इस रिपोर्ट के बाद भी कांग्रेस का रवैया नहीं बदला पर एक के बाद एक प्रदेशों में पराजय के बाद अब गुजरात में कांग्रेस को नरम हिंदुत्व की राह दिखी है। अब तो राहुल बाबा खुद को शिव भक्त बता रहे हैं। मंदिर-मंदिर जाकर दर्शन-पूजन कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता उनके हिंदू होने के सबूत के तौर पर जनेऊ वाले चित्र दिखा रहे हैं।       (जितेंद्र दीक्षित की फेसबुक वॉल से)

विवाद पैदा कर पार्टी को किया शर्मसार
राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर में प्रवेश पर विवाद का जो सूत्रपात कांग्रेस प्रवक्ताओं ने किया, उससे पूरी पार्टी शर्मिंदा हो गई। राहुल शिव भक्त हैं, जनेऊधारी हैं जैसे बयानों ने पार्टी उपाध्यक्ष की विश्वसनीयता को बौना कर दिया। नतीजा यूपी में भाजपा की महाविजय, जिसका असर गुजरात पर होगा, ऐसी प्रबल संभावना है। सोनिया गांधी को इंदिरा गांधी की तर्ज पर पार्टी की प्रासंगिता बनाए रखने के लिए कांग्रेस में छंटनी के कदम उठाने होंगे, क्योंकि अब केंद्र के बाद निगम निकायों में भी भाजपा मजबूती से स्थान बना रही है।
कबीरदास ने कहा है, ‘‘निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय। बिन पानी, साबुन बिना निर्मल करे सुभाय।’’ इसका अर्थ है—व्यक्ति को सदा चापलूसों से दूरी और अपनी निंदा करने वालों को पास रखना चाहिए, क्योंकि निंदा सुनकर ही स्वयं को निर्मल करने का विचार आ सकता है और यह निर्मलता पाने के लिए साबुन-पानी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन देशव्यापी प्रथा चल रही है जिसमें चाटुकार प्रमुखता से अर्थ और सत्ता सुख पा रहे हैं। यह सुख मिलते रहने की संभावना क्षीण होने तक भी वे ताली बजाते रहेंगे। इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिल रहा है राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर में प्रवेश पर। देश के कई सनातन मंदिरों में विधर्मियों का प्रवेश वर्जित है, इंदिरा गांधी को भी इस नियमानुसार मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। तब कोई शोर नहीं मचा और न किसी प्रवक्ता ने आधिकारिक रूप से कुछ कहा या सफाई दी। एक बुलबुला उठा, फिर सब शांत।     (सतीशचंद्र शर्मा की फेसबुक वॉल से)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies