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एक तरफ योगी और संत भगवान शिव की आराधना करते हैं, मोक्ष की प्राप्ति के लिए तो दूसरी ओर हम जैसे लोग जो भौतिक जीवन से जुड़े हुए हैं, वे भी करते हैं सभी प्रकार के कष्टों को हरने के लिए।
शनि ग्रह की पीड़ा हो तो शिवजी की आराधना की जाती है। राहु ग्रह का उपाय, कालसर्प पूजा में सबसे बड़ा भाग शिव पूजा को ही दिया जाता है, विवाह सम्बंधी कार्य हो तो शिव अर्चना, मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव के लिए भी शिव पूजा की जाती है। मन कमजोर हो रहा है या फिर मन में अशांति है, तब भी शिव पूजा ही की जाती है।
घर में शिवलिंग
हम में से बहुत लोगों को यह स्पष्ट नहीं होता कि हम घर में शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं या नहीं। शिवलिंग की स्थापना घर में करनी चाहिए, इसके साथ-साथ अपने व्यवसाय के स्थान पर भी करनी चाहिए, अच्छे फल प्राप्त करने के लिए। आमतौर पर दो तरह के शिवलिंग मिलते हैं-पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग। आप दोनों तरह के शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं। पारद और स्फटिक शिवलिंग गृहस्थ लोगों और व्यवसाय करने वाले के लिए शुभ फल देने वाले होते हैं, बशर्ते उनकी विधिवत पूजा- अर्चना की जाए तो। पारद शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य, मन की शान्ति, आयु एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है।
वहीं स्फटिक शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को धन और यश मिलता है।
ऐसे करें शिवलिंग की स्थापना
एक-पहले जो भी शिवलिंग आप स्थापित करना चाहते हैं उनको आसन प्रदान करें जो स्वच्छ हो। दो-फिर मन ही मन भगवान शिव का आवाहन करें, उनसे प्रार्थना करें, उनके किसी भी मंत्र का जाप करें। आमतौर पर महा-मृत्युंजय मंत्र जप सकते हैं।
तीन-गंगाजल से स्नान कराएं। उसके उपरांत पंचामृत से स्नान करवाएं। पंचामृत में दूध, दही, घी, शक्कर और मधु होता है।
चार- शिवलिंग पर सफेद चन्दन लगाएं। फूल, बेल पत्र, धूप-दीप आदि प्रदान करें और शिव आरती गाएं।
मंत्र व पूजन
आपने बहुत बार सुना होगा कि शिव के पंचाक्षरी मंत्र से पूजा करनी चाहिए। पंचाक्षरी मंत्र होता है-नम: शिवाय। जब आप साधारण पूजा करते हैं या फिर शिवलिंग को पूज रहे हैं तो आपको पंचाक्षरी मंत्र का ही जप करना चाहिए। जब आप नम: शिवाय से पहले ॐ लगाते हैं तो पूरा मंत्र बनता है 'ॐ नम: शिवाय'। ॐ नम: शिवाय से आप शिवजी की तब पूजा करते हैं जब आपकी पूजा का लक्ष्य हो शान्ति एवं शिव साधना।
शिव मंत्रों के जप रुद्राक्ष की माला पर करने चाहिए। विवाह कार्य विशेष के लिए शिव मूर्ति की गयी पूजा करनी चाहिए, शिवलिंग की नहीं। शिवलिंग पर बेल पत्र, सफेद पुष्प इत्यादि अर्पण करने चाहिए। शिवजी को सफेद चन्दन अति प्रिय है इसीलिए सफेद चन्दन उन्हें अवश्य लगाना चाहिए। संतान दोष है या फिर संतानोत्पत्ति में कठिनाई आ रही है तो शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करना चाहिए।
यश प्राप्ति के लिए सफेद चन्दन चढ़ाएं।
सूर्यास्त के बाद शिवलिंग पर जल एवं दूध अर्पित नहीं करना चाहिए।
शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।
धन की समस्या है तो
द्वादश ज्योतिर्लिंग का नाम लेने मात्र से धन आदि की समस्या से छुटकारा मिलता है:
– ॐ बैद्यनाथाय नम:।
– ॐ भीमशंकराय नम:।
– ॐ केदारनाथाय नम:।
– ॐ महाकालेश्वराय नम:।
– ॐ मल्लिकाजुर्नाय नम: ।
– ॐ ओंकारेश्वराय नम:।
– ॐ सोमनाथाय नम: ।
– ॐ त्रयंबकेश्वराय नम:।
– ॐ रामेश्वराय नम:।
– ॐ नागेश्वराय नम:।
– ॐ ग्रिष्नेश्वराय नम:।
– ॐ विश्वनाथाय नम:।
(अजय विद्युत से बातचीत पर आधारित)
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