रपट - फौजियों की बढ़ेगी शैक्षणिक योग्यता
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

रपट – फौजियों की बढ़ेगी शैक्षणिक योग्यता

by
Jul 4, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 04 Jul 2016 13:23:09

अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर सेना में भर्ती होने वाले फौजियों के लिए खुशखबरी है। अब वे अपनी शैक्षणिक योग्यता को नौकरी करते हुए बढ़ा सकते हैं। इस संबंध में हाल ही में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एन.आई.ओ.एस.) और सेना के बीच एक समझौता हुआ है। समझौते पर एन.आई.ओ.एस. के अध्यक्ष प्रो. चन्द्रभूषण शर्मा और मेजर जनरल देबाशीष राय (अतिरिक्त महानिदेशक, एम.टी., ए.ई.सी.) ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके अनुसार सैनिक जहां भी तैनात रहेंगे वहां तक एन.आई.ओ.एस. उनके  लिए पठन सामग्री भेजेगा। इसमें किताबों के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो भी   शामिल हैं। उम्मीद है कि इससे चार लाख जवानों को अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि अभी भी सेना में ऐसे जवान लाखों में हैं, जो आठवीं, नवीं  या दसवीं पास होते हैं। हालांकि अब जो जवान भर्ती हो रहे हैं वे कम से कम दसवीं पास होते हैं। सेना का नियम है कि यदि कोई जवान चाहे तो वह 17 वर्ष की नौकरी करने के बाद पेंशन लेकर घर लौट सकता है। 17 वर्ष के बाद जो जवान नौकरी करते रहते हैं और इस बीच उन्हें कोई पदोन्नति नहीं मिलती है तो वे दो वर्ष और नौकरी कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें पेंशन पर जाना ही पड़ता है। 17 वर्ष के बाद पेंशन जाने वाले जवानों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है।
चूंकि ऐसे जवानों के पास कोई बड़ी शैक्षणिक योग्यता नहीं होती है इसलिए ये जवान सेना की नौकरी के बाद कहीं छोटी-मोटी नौकरी ही कर पाते हैं। ज्यादातर जवान सरकारी या निजी संस्थानों में गार्ड की नौकरी करते हैं। ऐसे जवान भी कहीं अच्छी नौकरी कर सकें, इसको देखते हुए ही यह समझौता हुआ है। इसके तहत जवानों को पढ़ाने के लिए उनके कार्यस्थल पर ही कक्षाएं लगाई जाएंगी।
एन.आई.ओ.एस. के अध्यक्ष प्रो. चन्द्रभूषण शर्मा ने बताया कि जनवरी, 2017 से जवानों को पढ़ाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। दसवीं, ग्यारहवीं या बारहवीं करने वाले जवानों के लिए उनकी सुविधा और समय की उपलब्धता को देखते हुए सप्ताह के अंत में सायं को कक्षाएं लगाई जाएंगी। इसके लिए एन.आई.ओ.एस. स्थानीय स्तर पर ही शिक्षकों की व्यवस्था करेगा। जहां भी सेना की टुकडि़यां हैं उसके आसपास के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को यह दायित्व दिया जाएगा।  
इस समझौते की जानकारी सभी जवानों को उनकी यूनिट के जरिए दी जा रही है। जवानों को कुल पांच विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। इनमें से तीन विषय खासकर जवानों के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
एक विषय के रूप में जवानों को भारतीय सेना का इतिहास भी पढ़ाया जाएगा। प्रत्येक छात्र को कोई एक भाषा भी पढ़नी होगी। जवान अपनी रुचि के विषय ले सकते हैं। एक वर्ष के पाठ्यक्रम के लिए हर जवान से 1,500 रु. का शुल्क लिया जाएगा।
इस शुल्क के बदले ही उन्हें पठन सामग्री भेजी जाएगी। जवानों को परीक्षा शुल्क के रूप में 300 रु. अलग से देने होंगे। इस पहल से निश्चित रूप से जवानों को लाभ होगा। इससे उन्हें आज के दौर की अन्य नौकरियां भी मिल सकती हैं।         
    -अरुण कुमार सिंह 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Press briefing: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Press briefing: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

Operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी, वायुसेना ने दिया बड़ा अपडेट

Operation Sindoor Rajnath SIngh Pakistan

Operation Sindoor: भारत की सेना की धमक रावलपिंडी तक सुनी गई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies