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यमन की मस्जिद में आत्मघाती हमला, 29 मरे
यमन की राजधानी सना में ईद के मौके पर मस्जिद में नमाज पढ़ रहे शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किए गए बम धमाके में कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक जख्मी हो गए।
जानकारी के अनुसार यह धमाका सना में बलीली मस्जिद में हुआ, जहां शिया समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे थे। मस्जिद के अंदर पहले एक धमाका हुआ। इसके बाद एक और आतंकी ने मस्जिद के प्रवेश द्वार से बाहर भाग रहे नमाजियों के सामने खुद को उड़ा लिया इस धमाके की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है।
आईएसआईएस से जुड़े चार लोगों को यूएई ने भारत भेजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के बाद आतंकवाद के खिलाफ सहयोग देने का सिलसिला शुरू हो गया है। यूएई ने आईएस से जुड़ने वाले संदिग्ध भारतीयों को वापस भारत भेजना शुरू कर दिया है। गत दिनों दुर्दांत आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए आॅनलाइन भर्ती करने वाली हैदराबाद की 38 वर्षीय महिला अफ्शा जबीन उर्फ निकी जोसेफ को भारत भेजने के बाद गत दिनों चार और लोगों को यूएई ने भारत भेज दिया। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार चार अन्य संदिग्धों को भी भारत भेजे जाने के संबंध में यूएई से बातचीत चल रही है। उनसे युएई में पूछताछ की जा रही है। ये चारों युवक भी भारतीय हैं और भारत वापस भेजे गए युवकों के दोस्त हैं। जांच एजेंसियों को पूछताछ के दौरान यदि लगा कि वे भी ऐसी किसी गतिविधि में संलिप्त हैं तो उन्हें भी भारत भेज दिया जाएगा।
‘आईएसआईएस के खिलाफ एकजुट हों दुनिया के मुसलमान’
सऊदी अरब के इमाम-ए-हरम (मुख्य मुफ्ती) अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्लाह अल शेख ने दुनियाभर के मुसलमानों से इस्लामिक स्टेट जैसे दुर्दांत आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। माउंट अराफात में हाजियों से उन्होंने कहा कि आईएसआईएस इस्लाम की गलत छवि प्रस्तुत कर रहा है। आईएसआईएस को गुमराह गुट बताते हुए मुफ्ती ने कहा कि आतंकी संगठन इस्लाम को अज्ञानता के दौर में ले जाना चाहते हैं। मुफ्ती ने कहा, शांति का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे।
रूस की आईएसआईएस पर हमले की योजना
रूस सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ एकतरफा हवाई हमले करने की योजना बना रहा है। रूस के ब्लूमबर्ग टीवी ने इस मामले से जुड़े दो लोगों के हवाले से कहा कि अगर अमरीका ने आईएसआईएस के खिलाफ हवाई हमले में रूसी सेना का साथ देने से इनकार कर दिया, तो रूस आईएस के खिलाफ अकेले ही हवाई हमले कर सकता है। रूस ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को समर्थन देते हुए वहां अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है और सीरियाई सेना को हथियारों की आपूर्ति भी बढ़ा दी है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि अमरीका और उसके अन्य सहयोगी देश आईएसआईएस के खिलाफ रूस, ईरान और सीरियाई सेना के अभियान में सहयोग करें। रूस ने इस संबंध में अमरीका को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी तक अमरीका की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। ऐसे में पुतिन अकेले ही हमला करने की योजना बना रहे हैं।
सऊदी के प्रस्ताव स् जर्मनी नाराज
सऊदी अरब द्वारा जर्मनी में शरणार्थियों के लिए 200 मस्जिदें बनवाने की पेशकश की जर्मनी ने कड़ी निंदा की है। दरअसल, पश्चिमी यूरोप में बढ़ रही मध्य-पूर्व एशिया के शरणार्थियों की संख्या के मद्देनजर सऊदी अरब के सुल्तान सलमान ने कहा है कि वे जर्मनी में 200 मस्जिदें बनवाने के लिए तैयार हैं ताकि सीरिया से पलायन करने वाले शरणार्थियों को मदद मिल सके। जर्मनी की चांसलर एंजेला मॉर्केल के साथ गठबंधन वाली सीएसयू पार्टी के महासचिव एंड्रिया चेउअर ने इस पेशकश को कुटिल करार देते हुए इसकी निंदा की है। चेउअर ने कहा कि इस पेशकश कुटिलता की हद पार कर दी है। कंजरवेटिव राजनेताओं के मुताबिक सऊदी अरब यमन में सैन्य अभियान के नाम पर शरणार्थियों को पैदा कर रहा है। नेताओं के मुताबिक जर्मनी शरणार्थियों के लिए किसी तरह का नकद दान नहीं चाहता है, बल्कि उनकी मदद के लिए एकजुटता चाहता है। उधर सीडीयू पार्टी के उपाध्यक्ष आरमिन लाचेट ने कहा है कि बेहतर होगा कि सऊदी अरब मस्जिदें बनवाने के बजाय आईएसआईएस को आर्थिक मदद देना बंद करे। सऊदी अरब से ये पेशकश उस समय आई जब 10 हजार शरणार्थियों ने हंगरी की सीमा की ओर का रुख कर लिया। इस साल यूरोपियों देशों में पहुंचने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़कर 8 लाख हो सकती है।
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