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कट्टरपंथ से जूझ रहे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के सर्वोच्च न्यायालय में पहली बार किसी महिला को न्यायाधीश के पद पर नामित किया है। उन्होंने अनीसा रसूली को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया है। राष्ट्रपति गनी के इस कदम का कट्टरपंथियों ने विरोध किया है।
किशोर न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश और अफगान 'जज एसोसिएशन' की प्रमुख अनीसा रसूली सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ में इकलौती न्यायाधीश हैं। गत 30 जून को को काबुल में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और राजनयिकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए गनी ने कहा ' मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने पहली बार सर्वोच्च न्यायालय में एक महिला न्यायाधीश को नामित किया है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने क महिला के नामित होने का यह मतलब नहीं है कि हम न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव कर रहे हैं। अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार सवार्ेच्च न्यायालय के न्यायाधीश का कार्यकाल दस वर्षों के लिए होता है। उल्लेखनीय है कि गनी ने इससे पहले अफगानिस्तान के दो प्रांतों घोर और डैकुंडी के लिए महिला गर्वनर की नियुक्ति की थी। उनके इस कदम का महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि वह सभी मंत्रालयों में महिला उप मंत्रियों की नियुक्ति करना चाहते हैं। उनके इस कदम का मुस्लिम कट्टरपंथी पुरजोर विरोध कर रहे हैं। जून की शुरुआत में मौलवियों के एक समूह ने सर्वोच्च न्यायालय में महिला न्यायाधीश की संभावित नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
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