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गत दिनों लखनऊ में भाऊराव देवरस सेवा न्यास के तत्वावधान में 22वां भाऊराव देवरस स्मृति व्याख्यान समारोह आयोजित हुआ। इसका विषय था 'पं. दीनदयाल उपाध्याय का राष्ट्र चिन्तन।' समारोह के मुख्य वक्ता और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भाऊराव जी और पं. दीनदयाल जी दोनों राष्ट्रीय आन्दोलन के महामनीषी थे। दीनदयाल जी कहते थे कि राष्ट्र मानव-निर्मित नहीं, प्रकृति-निर्मित होता है। जबकि पश्चिम में राष्ट्र और राज्य में कोई अन्तर नहीं होता है। राज्य राष्ट्र का पर्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि जनसमूह, संस्कृति और चेतना का समुच्चय राष्ट्र है। संस्कृति के निर्माण स्थल का नाम देश है। राज्य राजनीतिक सृष्टि और राष्ट्र सांस्कृतिक सृष्टि है। समारोह के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री रामनाईक ने कहा कि जो किसी कार्य को शुरू कर उसे पूर्णता तक ले जाता है उसे बुद्धिमान कहा जाता है। पं. दीनदयाल जी ऐसे ही बुद्धिमान थे। विपरीत विचारधारा वालों के बीच कैसे कार्य किया जाए यह पं. दीनदयाल के विचारों से झलकता है। कार्यकम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री राजनाथ सिंह 'सूर्य' ने किया।
इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष डॉ. अवधेश प्रसाद सिंह, सचिव डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष श्री रामनिवास जैन, न्यासी श्री ब्रह्मदेव शर्मा 'भाई जी' सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
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