|
गत 27 अप्रैल को लखनऊ के श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के सभागार में पाञ्चजन्य के डॉ़ आंबेडकर विशेषांक का लोकार्पण हुआ। लाकार्पणकर्ता थे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री रामनाईक। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ़ भीमराव आंबेेडकर केवल वंचितों के ही नहीं, पूरे राष्ट्र के नेता थे। उनके श्रेष्ठ व्यक्तित्व को देश के सामने लाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने विशेषांक की अधिकृत और प्रामाणिक जानकारी की सराहना की और कहा कि डॉ़ आंबेडकर का जीवन संघर्षपूर्ण था। उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ सहा। उनमें सत्ता मोह बिल्कुल नहीं था। इसलिए तत्कालीन प्रधानमंत्री से मतभेद होने पर उन्होंने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। उनके द्वारा बनाया गया संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है। वे समानता, बंधुत्व और संसदीय परम्पराओं के प्रबल समर्थक थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय विचार अभियान, लखनऊ द्वारा 'डॉ़ आंबेडकर की सामाजिक दृष्टि एवं आधुनिक भारत' विषय पर एक गोष्ठी भी आयोजित की गई। इसके विशिष्ट अतिथि और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र कार्यवाह श्री विजय कुमार ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ़ आंबेडकर का आकलन बहुत कम हुआ है। उनकी दूरदृष्टि और राष्ट्रभक्ति की जानकारी देश को देने के लिए पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर के विशेषांक प्रकाशित हुए हैं।
अभियान के संरक्षक श्री प्रभुनारायण ने कहा कि डॉ. आंबेडकर भारत की सनातन परंपरा में मील के पत्थर हैं। उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को एकआयामी बनाने का षड्यन्त्र किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री पंकज अग्रवाल ने की। इस अवसर पर डॉ़ आंबेडकर पर हुई भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत व सम्मानित भी किया गया।
दिल्ली
डॉ. आंबेडकर विशेषांक की लोकार्पण श्रृंखला में पिछले दिनों दिल्ली के आंबेडकर नगर में एक गोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद और पं. दीनदयाल उपाध्याय दर्शन के अध्येता डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि डॉ. आंबेडकर वस्तुत: एक राष्ट्रवादी नायक थे। उन्होंने धर्म, अर्थ, कानून के साथ-साथ समाज जीवन के विविध पक्षों पर व्यापक प्रतिमान खड़े किए। इसलिए उनके समग्र कार्यों और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
पाञ्चजन्य के सहयोगी सम्पादक सूर्यप्रकाश सेमवाल ने कहा कि अभावों और मुश्किलों से जूझकर अपनी प्रतिभा और मेधा के बल पर डॉ. आंबेडकर मुखर नायक के रूप में देश के समक्ष उभरे थे। बौद्ध गुरु भन्ते लोक ज्योति ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने महात्मा बुद्ध के सिद्धान्तों से प्रभावित होकर वंचित समाज को ज्ञान एवं अहिंसा का मार्ग दिखाया था। गोष्ठी की अध्यक्षता देवगिरि आश्रम, राजस्थान के बुधराम चेतीवाल ने की और संयोजन लोकमत परिष्कार के संयोजक छत्रपाल सिंह ने किया। ल्ल प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ