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महेश्वर में मां नर्मदा हिन्दू संगम
'हर देश की अपनी विशेषता होती है। अमरीका अकूत संपत्ति वाला देश है। वह सारे विश्व मंे व्यापार करके धन जमा करता है। चीन के पास सैन्य बल है। वह सामरिक रूप से ताकतवर देश है। इस तरह दुनियाभर के देशों के पास बहुत कुछ है लेकिन वे सोचते हैं कि इन सभी का उपयोग सार्थक रूप से कैसे किया जाए, यह रास्ता दिखाने वाला देश केवल भारत ही है। दुनिया में बड़ा भाई कहलाने वाले इस देश का यह कर्तव्य बन गया है कि वह विश्व के सभी लोगों को अपने आचरण से शिक्षित करे।'
ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के। श्री भागवत 10 फरवरी को मध्य प्रदेश के महेश्वर में मां नर्मदा हिन्दू संगम में उपस्थित धर्मरक्षा समिति के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हिन्दू समाज के इंदौर-निमाड़ क्षेत्र के इस विशाल आयोजन में आए संत-महात्माओं का चरण वंदन करते हुए उपस्थित धर्मरक्षकों का अभिवादन स्वीकार किया। आगे उन्होंने कहा कि संत, पंथ, मंत्र और ग्रंथ, ये चारों चीजें हमारे पास परंपरा से हैं। सब कुछ होने के बाद भी दुनिया सुखी नहीं है। दुनिया के संपत्तिवान और सैन्यबल से युक्त लोगों को रात को सोने के लिए नींद की गोली लेनी पड़ती है। लेकिन हमारे देश का किसान व मजदूर दिनभर काम करके बिना सुरक्षा के, बिना नींद की गोली के वृक्ष के नीचे चैन की नींद सोता है। श्री भागवत ने टूटे आइने को देखकर दु:खी होने वाले बालक की कहानी सुनाते हुए कहा कि विज्ञान ने अशांति और असमाधान पैदा कर दिया है। हम भारतवासी उत्तर से दक्षिण तक एक प्रकार का खाना नहीं खाते हैं। देश में अनेक बोली व भाषाएं हैं। हम अनेक देवी-देवताओं को पूजते हैं लेकिन हम सब में एक ही भगवान को देखते हैं। समाज में जातिगत, भाषाई और क्षेत्रीय भेदभाव पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि हम हिन्दू समाज के लोग सदियों से एक हैं, लेकिन आज हमारा आइना बदल गया है और इस आइने को ठीक करने का काम हमारे संतों के पास है। हमें टूटा हुआ दर्पण नहीं देखना है। विदेशी शिक्षा के कारण हमारे दर्पण टूट गए हैं। संतों की शिक्षा से हम इस दर्पण में एक हो सकते हैं। भारत की प्रतीक्षा में सारी दुनिया बैठी है कि वह आएगा और हमें रास्ता दिखाएगा। यहां का हिन्दू समाज जब एक होकर खड़ा होगा तब भारत भी खड़ा होगा। हमको दिखाना है कि हम हिन्दू संस्कृति और धर्म के आधार पर चलते हैं तो दु:ख नहीं रहता। यह हमें करके दिखाना है। हमारे देश मंे सत्य की प्रतिष्ठा है। सत्य को मानने की हमारी परंपरा है। दुनिया शक्ति और संपन्नता की बात मानती है। अत: भारत को अपना सत्य मनवाने के लिए शांति संपन्न होना अर्थात् हिन्दू समाज को एक होकर जाग्रत होना होगा। कितना भी अच्छा बनो अच्छाई की सुरक्षा के लिए ताकतवर बनना जरूरी है। श्री भागवत ने कहा कि अच्छाई की ताकत भी इसी में होती है। हम एक-दूसरे को बदलना नहीं चाहते हैं। देश बड़ा होता है तो देश का आदमी भी बड़ा होता है। देश प्रतिष्ठित होगा तो हमें भी प्रतिष्ठा मिलेगी। यह सत्य की दुनिया सुख-शांति से चलेगी। हम सब अपने सुख और स्वार्थ को छोड़ंेगे तो देश खड़ा होगा। इस भाव को लेकर हम हिन्दू संगम से जाएं। उन्होंने कहा कि हिन्दू किसी को बदलने की कोशिश नहीं करता। वह किसी को आंख भी नहीं दिखाता है। वह अपने आप से परिवर्तन करने पर विश्वास करता है। श्री भागवत ने कहा अमरीका में भी हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा बढ़ रही है। अच्छा समाज वह है जो किसी से भेदभाव नहीं रखता। हमें अपना जीवन भारत माता की सेवा में लगाना चाहिए। धर्मसभा का संचालन कथावाचक श्री श्याम मनावत ने किया।
संतों ने किया धर्मरक्षा का आह्वान
समरस, समर्थ व समस्यामुक्त हिन्दू समाज के निर्माण को लेकर आयोजित मां नर्मदा हिन्दू संगम में धर्मरक्षकों को संतों का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ। प्रारंभ में आयोजन समिति के संयोजक अमित जैन ने मंचासीन व उपस्थित संत-महात्माओं का स्वागत-अभिवंदन किया। वडोदरा (गुजरात) के अंगरियाभाई राठवा के नेतृत्व में वनवासी लोकनृत्य दल ने आकर्षक प्रस्तुति दी। लोकगीत गायक शिव गुप्ता व साथियों ने भी गोमाता पर सुमधुर भजन प्रस्तुत किया। संतश्री छोटे मुरारी बापू ने अपने आशीर्वचन में गो, गंगा व गौरी को भारत की धरोहर बताया। उन्होंने कहा जिस घर में गाय की सेवा होती है वहां अन्नपूर्णा विराजित होती हैं। साध्वी हेमलता दीदी ने कहा कि मातृशक्ति चाहे तो देश को पुनर्जाग्रत कर सकती है। वह बेटी को सीता, दुर्गा व चंडी बना सकती है। मां के ऊपर ही सनातन धर्म की रक्षा का भार है। संतश्री शांतिस्वरूपानंदजी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन प्रसंग के आधार पर भारतीय संस्कृति का पालन करने का आह्वान किया। संतश्री गोपालकृष्णजी महाराज ने धर्मरक्षकों से राष्ट्र व धर्मरक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। हिन्दू संगम मंे क्षेत्र संघचालक श्री अशोक सोहनी, क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त, क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र जैन, संघचालक डॉ़ प्रकाश शास्त्री, कार्यवाह श्री शंभू गिरी, प्रांत प्रचारक श्री पराग अभ्यंकर, सह प्रांत प्रचारक डॉ़ श्रीकांत आदि उपस्थित थे। आयोजन समिति के प्रचार प्रमुख प्रकाश भावसार ने बताया कि महेश्वर के नागरिकों ने यहां आए धर्मरक्षकों का भव्य स्वागत किया। जगह-जगह वंदनद्वार लगाकर रंगोली सजाई गई थी। ल्ल प्रतिनिधि
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