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नई दिल्ली में 30 अक्तूबर को सेवा भारती, दिल्ली प्रदेश के तत्वावधान में 'सेवा सहयोगी संगम' आयोजित हुआ। इस अवसर पर सेवा भारती के प्रकल्पों की गतिविधियों को दर्शाने वाले चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। संगम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी का सान्निध्य मिला। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'सर्विस' शब्द सेवा का पर्याय नहीं है। कुछ मिलने की भावना से किया गया कार्य सेवा नहीं है। सेवा से मुझे से क्या प्राप्त होगा, यह सोच विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करती है। सेवा करने वालों को अपने नाम की चिन्ता नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। सेवा के बदले किसी कार्य के लिए किसी पर दबाव डालना या शक्ति अर्जित करना भी ठीक नहीं है। सेवा तो अपनी आत्मिक शान्ति और सुख के लिए करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दान तो ऐसी चीज है कि दाएं हाथ से दिए गए दान की जानकारी बाएं हाथ को भी नहीं होनी चाहिए।
मंच का संचालन सेवा भारती की उपाध्यक्ष श्रीमती इन्दिरा मोहन ने किया और महामंत्री डॉ. रामकुमार ने अतिथियों के प्रति आभार जताया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेमचन्द गोयल, राष्ट्रीय सेवा भारती के अध्यक्ष श्री सूर्यप्रकाश टोंक, दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
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