18 वर्षों बाद घर पहुंचा बलिदानी का शव
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सियाचीन में 18 वर्ष पहले बलिदान हुए जवान का शव मिलने पर मैनपुरी के कुड़रिया गांव में शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बलिदानी का शव कभी न देख पाने की आस छोड़ चुके परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
मैनपुरी के गांव कुड़रिया निवासी गया प्रसाद सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे। नौ दिसम्बर, 1996 को सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान सिपाही स्नो स्कूटर फिसलने से एक दरार में गिर गए थे।
13 दिसम्बर, 1996 को परिजनों को उनके देश के लिए बलिदान होेने की सूचना दे दी गई थी। परिजन भी लंबे इंतजार के बाद शव मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। अभी गत 14 अगस्त को सियाचीन में एक शव मिला जिसकी पुष्टि गया प्रसाद के रूप में हो गई। सूचना मिलने पर उनका बेटा सतीश शव लेने के लिए पहुंच गया।
सैनिकों की देखरेख में गया प्रसाद का शव गांव में लाया गया। उनके पहंुचने पर शव देखने के लिए दूर-दूर से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और सभी की आंखंे नम थीं।
गया प्रसाद की 55 वर्षीय पत्नी रामा देवी 18 वर्षों से पति का चित्र देखकर उन्हें याद करती थी। एकाएक शव मिलने पर वह पति के पांवों पर सिर रखकर फूट-फूट कर रो पड़ीं। गया प्रसाद के खेत में ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रतिनिधि
झारखंड में अभी अन्तरराष्ट्रीय निशानेबाज तारा शाहदेव से खुद को रंजीत बताकर शादी करने वाले रकीबुल का पर्दाफाश हुए ज्यादा दिन नहीं हुए कि अब हजारीबाग में भी मतांतरण का एक और मामला प्रकाश में आया है।
हजारीबाग में गत 6 जुलाई को रोमी गांव से एक लड़की के अपहरण के बाद उसके मतांतरण की घटना ने राज्य की पुलिस-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पुलिस के कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं करने पर बजरंग दल द्वारा बंद का आह्वान भी किया गया था। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर आरोपियों को सरंक्षण देने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि पुलिस नाबालिग का अपहरण कर उसका मतांतरण कराने वालों को बचा रही है। दूसरी घटना पलामू जिले के कन्कारी गांव क ी है। यहां आफताब अंसारी और इदु मियां नामक दो अपराधियों ने गांव में एक हिन्दू परिवार से एक महिला और उसकी बेटी का अपहरण कर लिया। बेटी तो किसी तरह से उनके चंगुल से भाग निकली, लेकिन महिला के साथ शारीरिक शोषण किया गया। इस संबंध में महिला ने पुलिस से शिकायत की है। झारखंड में अपराधियों और पुलिस की साठगांठ से अपराध का ग्राफ राज्य में तेजी से बढ़ रहा है।
वि. सं. के. झारखंड
उग्रवादियों के तार जुड़े कृषि मंत्री से
झारखंड सरकार के दो-दो मंत्री लव जिहाद के प्रकरण में पहले ही से फंसे हैं। अब तीसरे मंत्री योगेन्द्र साव के उग्रवादी संगठन 'झारखंड टाइगर' से जुड़े होने के गंभीर आरोप लगे हैं। विस्थापन के मुद्दे पर मंत्री ने यह तक कह डाला कि 'कल कहीं मैं भी न हथियार उठा लूं।'
झारखंड के पुलिस उपाधीक्षक एच. एल. रवि के नेतृत्व में गत दो सितम्बर को चुम्बा गांव में छापेमारी की गई थी जिसमें उग्रवादी राजकुमार गुप्ता और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से दो कार्बाइन, दस गोली, छह मोबाइल फोन और दो मोटरसाइकिल बरामद की गईं। राजकुमार ने पूछताछ के दौरान सनसनीखेज खुलासा किया कि झारखंड टाइगर का प्रमुख कृषि मंत्री योगेन्द्र साव है। यह उग्रवादी संगठन रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, पलामू आदि जिलों में धन वसूली का काम करता है। राजकुमार ने स्वीकार किया है कि वह अपने साथी उग्रवादियों के साथ कई बार कृषि मंत्री के आवास पर जा चुका है और उनसे आर्थिक मदद भी ली थी।
गौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय निशानेबाज तारा शाहदेव के प्रकरण में उसके पति रकीबुल से मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान के संबंध होने का खुलासा हो चुका है। एक के बाद एक तीन मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगने के बाद भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी भी मंत्री को बर्खास्त नहीं किया है। मुख्यमंत्री का उग्रवाद और अपराध से जुड़े लोगों को संरक्षण देकर आशंकाओं को जन्म दे रहा है।
वि. सं. के., झारखंड
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