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1 प्रत्येक किसान ने 10 से 35 प्रकार की फसलें पहले ही वर्ष से लगायीं।
2 सभी किसान छोटे व सीमांत किसान हैं जिन्होंने अपनी सामर्थ्य के मुताबिक गोबर खाद का इस्तेमाल किया है। किसी भी रासायनिक खाद या उर्वरक, दवाई व कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की जैविक दवाई के भी प्रयोग की जरूरत नहीं पड़ी।
एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि स्वावलंबी खेती में किसान का लागत पैसा अधिकतर गांव के ही मजदूरों और व्यवस्था के काम में आता है। जबकि रासायनिक खेती में किसान का लागत पैसा अधिकतर गांव के बाहर चला जाता है। वर्ष 2012-13 के कृषि के आंकड़े बताते हैं कि रासायनिक खेती कर रहे किसान का लागत खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा गांव के काम आया और 50 प्रतिशत हिस्सा गांव के बाहर चला गया मसलन बीज, दवाई, खाद और खरपतनाशी दवाएं, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर। उसकी तुलना में वर्ष 2012-13 के ही स्वावलंबी खेती के आंकड़े बताते हैं कि किसान का लागत खर्च का 97 प्रतिशत पैसा गांव में ही काम आ गया और 3 प्रतिशत पैसा गांव के बाहर चला गया मसलन गोबर खाद, बीज, मजदूर, बैलजोड़ी इत्यादि। दोनों ही किसान प्रकार में छोटे किसान थे। रासायनिक खेती में अधिकतर अरहर की फसल खाद्यान्न के रूप में आज भी पायी जाती है। कहीं-कहीं जमीन अच्छी हो तो कुछ चना और गेंहू भी मिल जाता है। वर्ष 2012-13 के करीब 40 स्वावलंबी किसानों की तुलना जब 40 अन्य रासायनिक खेती के किसानों की खेती के साथ की (लगभग समान एकड़ क्षेत्र) तो आंकड़े बताते हैं कि रासायनिक खेती के अंतर्गत करीब 3,420 किलो खाद्यान्न किसी एक फसल का घर में आया है। और स्वावलम्बी खेती के अंतर्गत करीब 6,747 किलो खाद्यान्न 1-19 फसलों का घर पर आया है। गौर फरमाने की बात है कि यह उत्पन्न जंगली जानवरों के फसल को नुकसान को पहुंचाने के बाद हाथ में मिला है। किसानों के अनुसार अलग-अलग फसलों में जंगली जानवरों के कारण नुकसान 30-70 प्रतिशत तक होता है।
नकदी फसल की उपज को और खाद्यान्न की उपज को, घर की जरूरतें पूरी हो जाने पर बाजार में बेचा जाता है। कोशिश यह है कि किसान का माल सीधे ऐसे उपभोक्ता के यहां मिले जिन्हें विष रहित, रसायन रहित अन्न पाने में रुचि है और जो इस अन्न को बाजार भाव से ज्यादा कीमत देकर खरीदना चाहते हैं। इन सारे अनुभव के साथ यह कहना अनिवार्य है कि किसान को उसकी उपज के योग्य दाम मिलना, इस लड़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नकदी और खाद्यान्न फसलें
नकदी फसल (3) कपास, सोयाबीन, अरहर
अनाज (3) ज्वार, धान, बाजरा, मक्का, रामदाना
दालें (7) अरहर, मूंग, उड़द, राइसबीन, मोठ, लोबिया (2 किस्में) चना
सब्जियां (16) खीरा, तुरई, लौकी, करेला, भिंडी, ग्वार, टमाटर, मिर्च, बैंगन, सेम (2 किस्में), लोबिया (सब्जी और दाना), रतालू, कद्दू (2 किस्में), जपाकुसुम (पत्तों और फूलों के लिए 2 किस्में), सूरन, सहेजन
मसाले (5) हल्दी, सौंफ, धनिया, मिर्च, सरसों
अन्य (7) तिल, मूंगफली, अलसी, सनई, चारे की दो प्रजातियां, गैंदा, बेर फल (पेड़)
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