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इस वर्ष बूढ़ा अमरनाथ यात्रा 31 जुलाई से 8 अगस्त तक हुई। इसमें देशभर से बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। यात्रा के पहले जत्थे को जम्मू से 1 अगस्त को विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राघव रेड्डी और बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजेश पाण्डेय ने भगवा ध्वज दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जम्मू से उत्तर-पश्चिम में 290 कि़मी़ दूर पंुछ जिले की मण्डी तहसील के ग्राम राजपुरा स्थित लोरेन घाटी में समुद्र तल से 4500 फीट की ऊंचाई पर बाबा बूढ़ा अमरनाथ चट्टानी के नाम से पुलस्ती नदी के तट पर प्रसिद्ध स्थान है। यहां से पीर-पंजाल की बर्फीली चोटियां दिखाई देती हैं। आतंकवाद और अलगाववाद के कारण यह यात्रा पूर्णरूप से बंद हो गई थी और बड़ी संख्या में हिन्दुआंे का वहां से पलायन प्रारम्भ हो रहा था। 2005 में बजरंग दल ने इस यात्रा को पुन: शुरू किया। आतंकवादियों की धमकी के बावजूद हर वर्ष इस यात्रा में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जम्मू से सुन्दरबनी, नौशेरा, राजौरी, स्वर्णकोट (सुरनकोट), चण्डक होते हुए मण्डी अथवा चण्डक से पुंछ होकर मंडी का मार्ग है। सम्पूर्ण मार्ग अत्यन्त दुर्गम और आतंकवाद से ग्रस्त है। पूरे रास्ते में घने जंगल हैं, आतंकवादियों के ठिकाने हैं। सायंकाल 4 बजे के बाद इस मार्ग पर यातायात रोक दिया जाता है और प्रात: 5 बजे तब खुलता है जब सेना का बम निरोधक दस्ता पूरे मार्ग का निरीक्षण कर लेता है। मार्ग पाकिस्तान सीमा से सटकर जाता है। 1965 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा था तब पाकिस्तानी सेना ने कब्जा करके बूढ़ा अमरनाथ मन्दिर में स्थापित शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास किया था, किन्तु वे सफल नहीं हो सके इस यात्रा का उद्देश्य है उस इलाके में रह रहे हिन्दुओं का मनोबल बढ़ाना, ताकि वे वहां से पलायन न करें और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करें। ल्ल प्रतिनिधि
धूमधाम से मनी तुलसी जयन्ती
नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में 8 अगस्त को तुलसी जयन्ती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे ओज के प्रसिद्ध कवि श्री कृष्ण मित्र। वक्ता के रूप में उपस्थित थे हिन्दी अकादमी, दिल्ली के पूर्व सचिव डा. रामशरण गौड़ और सुप्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती इन्दिरा मोहन। दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने महाकवि तुलसीदास को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दी साहित्य और श्रीराम के चरित्र को घर-घर तक पहंुचाया। समारोह में डॉ. सविता चड्ढा की पुस्तक 'खुशनसीब औरतें' और श्री चन्द्रभान शर्मा की पुस्तक 'चाय से चांद पर' का लोकार्पण भी हुआ। समारोह की अध्यक्षता दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष श्री महेश चन्द्र शर्मा ने की। ल्ल प्रतिनिधि
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