अगले से अगला अंक स्वतंत्रता दिवस विशेषांक
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पाञ्चन्जय
आजादी का हर पल, इस खुली हवा की हर सांस अनमोल है। स्वतंत्रता का मूल्य आंकना संभव नहीं। परंतु 1947 से 2014 तक भारतीय लोकतंत्र की लंबी यात्रा को कुछ कसौटियों पर परखना जरूरी है। पाञ्चजन्य के स्वतंत्रता दिवस विशेषांक में होगा हमारे लोकतंत्र की 67 वर्षीय यात्रा का विस्तृत लेखा। इस देश की ताकत, कमियों, चुनौतियों और अवसरों को तौलते विशेषज्ञ बताएंगे कि एक राष्ट्र के रूप में हम कहां से चले थे और कहां तक पहुंचे। कृषि, रक्षा, अर्थ, न्याय, भाषा-संस्कृति, समाज, राजनीति, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं खेल आदि जीवन व्यवहार के विविध पक्षों को छूता, हर मुद्दे को गहराई से खंगालता संग्रहणीय अंक।
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