|
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक उ.प्र. में प्रतिदिन औसतन दस मामले बलात्कार के होते हैं। एक और चौंकाने वाला सच यह है कि उ.प्र. के गावों में 60 से 65 फीसदी बलात्कार के मामले सामान्यत: सुबह या शाम को तब होते हैं, जब महिलाएं खुले में शौच के लिए जातीं हैं। खुले में इसलिए क्योंकि घरों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बदायूं में दोनों बहनों के साथ भी बलात्कार तभी हुआ जब दोनों शाम को खुले में शौच के लिए जा रही थीं।
टिप्पणियाँ