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गत दिनों भारत संस्कृत परिषद् द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला अखिल भारतीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर पश्चिम विहार,दिल्ली में सम्पन्न हुआ। इस शिविर में आंध्र प्रदेश, गुजरात, प.बंगाल, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश ,राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड आदि राज्यों के 80 से भी अधिक प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। शिविर में संस्कृत संभाषण, वैदिक गणित, आयुर्वेद, ज्योतिष, पत्रकारिता , योग, संगीत आदि के प्रशिक्षण के साथ राज्य स्तर पर संस्कृत संभाषण शिविर, संस्कृत परिवार निर्माण और भजन संध्या के आयोजन हेतु राज्यवार टोलियों का गठन किया गया था। शिविरार्थियों को विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या, संगठन महांमत्री श्री दिनेश चन्द्र, पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश चन्द्र पाण्डेय, ज्योतिष विभाग के प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी, दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पुष्पेन्द्र कुमार, डॉ. गिरधारी लाल गोस्वामी, प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. जीतराम भट्ट, आकाशवाणी के समाचार वाचक डॉ. बलदेवानन्द सागर,भारतीय ग्राम योजना के समन्वयक डॉ. दिनेश, विहिप के सर्वश्री बालकृष्ण नाइक, जीवेश्वर मिश्र, कोटेश्वर शर्मा, हरिशंकर, विनायकराव देशमुख, प्रदेश संगठन मंत्री श्री अनिल, संकल्प के निदेशक कन्हैयालाल आदि ने संबोधित किया। विहिप के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या ने स्वर्ण जयंती वर्ष में परिषद् को देशभर में 100 संस्कृत शिविरों के आयोजन का लक्ष्य दिया। समापन सामारोह के मुख्य अतिथि और विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री श्री चम्पत राय ने संस्कृत के लिए देशभर में प्रभावी वातावरण बनाने का सुझाव दिया। भारत संस्कृ त परिषद् के महामंत्री एवं शिविर संचालक आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने संस्कृत भाषा को रोजगारपरक बनाने पर जोर दिया, तो कार्याध्यक्ष डॉ. महेन्द्र मिश्र ने देशभर में संगठन को और प्रभावी बनाने की बात कही। शिविराधिकारी डॉ. राजबिहारी मिश्र ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। इस शिविर में विभिन्न विषय के प्रशिक्षकों में डॉ. चेल्ला लक्ष्मीनारायण, डॉ. कृष्ण चन्द्र पाण्डेय, आचार्य कमलाकान्त, डॉ. महेश व्यास, वासुदेव चमोली, श्रीमती तुषा शर्मा, पवन कुमार शर्मा एवं डॉ.मारुफ उर्रहमान ने विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया। ल्ल प्रतिनिधि
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