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अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक 14 जून को महाशय चुन्नीलाल सरस्वती बाल मंदिर, हरिनगर, दिल्ली मंे सम्पन्न हुर्ह। बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सहसम्पर्क प्रमुख प्रो़ अनिरुद्ध देशपाण्डे ने किया। 23 राज्यों के 8 लाख शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के करीब 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया। इसमें गत वर्ष में किए गए विभिन्न कायार्ें की समीक्षा करते हुए आने वाले वर्ष में किए जाने वाले कायार्ें की चर्चा की गई। बैठक में मुख्य रूप से तीन निर्णय लिए गए। पहला निर्णय है 'शाश्वत जीवन मूल्यों' के प्रति जनजागरण के लिए देशव्यापी अभियान चलाना। दूसरा निर्णय है महासंघ इस वर्ष को महिला सहभाग वृद्धि वर्ष के रूप में मनाएगा,ताकि समाज के विकास में महिलाओं की सहभागिता और अधिक बढ़े। तीसरा निर्णय है महासंघ देशभर में 'गुरु वंदन' कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
15 जून को शाश्वत जीवन मूल्यों पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि शाश्वत जीवन मूल्य हमारे लिए जीवन दृष्टि हैं। यही शाश्वत जीवन दर्शन है जो हम अगली पीढ़ी को दे सकते हैं। इसके लिए मन मंे करुणा एवं त्याग की भावना होनी चाहिए। समर्पण का भाव रखने के कारण ही महावीर स्वामी, महात्मा बुद्ध, महात्मा गांधी जैसे महापुरुष समाज मंे पूजनीय हैं। शाश्वत जीवन मूल्यों को समाज मंे स्थापित करना होगा और इस कार्य मंे शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। द्वितीय सत्र को पुनरुत्थान विद्यापीठ की संचालिका ताई इन्दुमति काटदरे और तृतीय सत्र को प्रो़ अनिरुद्घ देशपांडे ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर अनेक विशिष्ट जन और प्रतिनिधि उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
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