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कट्टरपंथी सोच को तोड़कर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच सौहार्द स्थापित करने का बीड़ा तो लोग सदियों से उठाते आए हैं, लेकिन धर्म और पंथ के नाम पर वैमनस्य फैलाने वालों को यह मंजूर नहीं है, इसलिए शायद आज तक ऐसा नहीं हो पाया। बनारस के कट्टर मुस्लिम परिवार में जन्मी एक महिला ने कट्टरपंथी सोच को झुठला दिया है। बनारस की इस बेटी का नाम है नाजनीन अंसारी। बीते 10 जून उन्होंने बनारस से अपने समूह के साथ दिल्ली पहुंचकर झंडेवालान मंदिर में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया और मंदिर में पूजा में हिस्सा लिया।
नाजनीन ने उर्दू में हनुमान चालीसा भी लिखी है। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों से देश के लोगों को सावधान करना व दोनों समुदायों के बीच विश्वास पैदा करना है। उन्होंने कहा कि भगवान राम हमारे पूर्वज और पुरुषों में मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। भले ही हमारा पंथ, जाति और देश बदल जाए, लेकिन हम अपने पूर्वजों को नहीं बदल सकते। नाजनीन बनारस में रहकर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती हैं और महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में बनारस के संकटमोचन मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था। तभी से नाजनीन हनुमान मंदिर में जाकर हुनमान चालीसा का पाठ करती हैं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की कोषाध्यक्ष नजमा परवीन ने बताया कि यदि मुसलमान चाहते हैं कि हिन्दू उनके इबादत करने के तरीके का सम्मान करें तो उन्हें भी भगवान राम का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल्द ही वे अयोध्या जाकर राम मंदिर मुद्दे पर मुस्लिम नेताओं से बातचीत करेंगे। इस दौरान वे अयोध्या मामले में सबसे पहले याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ मुस्लिम नेता मोहम्मद हामिद अंसारी से मुलाकात कर विवाद को जल्द ही सुलझाने को लेकर चर्चा करेंगे। ल्ल प्रतिनिधि
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