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कांग्रेस सरकार में कुछ मंत्रियों ने अपने विभागों में जो ठसक का माहौल बना रखा था उसकी बजाय अब मोदी सरकार के मंत्री कामकाज का माहौल बनाने में जुट गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सबसे पहले अपने मंत्रालय की साफ सफाई और बेमतलब की फाइलों को बाहर करने का आदेश दिया। उन्होंने एक हफ्ते के अंदर 1800 फाइलों का पुलिंदा बाहर निकलवाया और 1350 फाइलों और दूसरे कागजों को संबंधित अधिकारियों के पास तुरंत निपटाने को भिजवाया। युवा मामले और खेल मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने शास्त्री भवन के अपने दफ्तर में पहले मंत्री रहे जितेन्द्र सिंह द्वारा लिफ्ट से अपने कमरे तक बिछवाई गई लाल रंग की कालीन हटवा दी है। लिफ्ट भी अब सबके इस्तेमाल के लिए है।
डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा संभालते ही सबसे पहले दफ्तर के बाहर लगा मेटल डिटेक्टर हटवाया, फिर चार सुरक्षाकर्मियों को हटाया जो पहले मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद को जेड श्रेणी की सुरक्षा के मद्देनजर तैनात थे।
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल तो सुबह पहंुचते ही तमाम प्रदेशों की सूचनाएं मंगाते हैं जिसके लिए अधिकारियों को दफ्तर जल्दी पहंुचकर गोयल के पहंुचने से पहले सूचनाएं इकटठी करनी होती हैं। डा.जितेन्द्र सिंह ने तो विज्ञान और तकनोलाजी मंत्री के नाते विदेश दौरों से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है कि विदेश में होने वाले अधिवेशनों में प्रेजेन्टेशन देने वाले वैज्ञानिक ही जाएंगे। डा. स्िंाह कहते हैं कि विदेश दौरों से उनका पेट भर चुका है।
जगाई उम्मीद
उन्नति का मार्ग दिखाया
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस के जवाब में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष ही नहीं पूरे देश को सम्मोहित कर दिया। विपक्ष के प्रत्येक हमले का उन्होंने तीखा जवाब दिया परन्तु इतनी विनम्रता के साथ कि प्रतिद्वंद्वी के हाथ से शस्त्र ही गिर गए। समन्वय एवं सहयोग की राजनीति के जरिए विकास को एक जनांदोलन बनाने का आह्वान कर प्रधानमंत्री ने अपना राष्ट्रीय एजेंडा प्रस्तुत कर दिया।
जयललिता, ममता बनर्जी और मायावती के लिए उनके भाषण में प्रशंसायुक्त सौजन्यता थी। मुलायम सिंह यादव से सहयोग लेने की बात भी उन्होंने कह डाली। विपक्ष को कम संख्या पर हतोत्साहित न होने का हौसला भी दे दिया। यहां तक कि केरल की वामपंथी सरकार के अच्छे कार्यक्रम से सीखने की बात कहकर राजनीतिक छुआछूत की धज्जियां उड़ा दीं। मुस्लिम विरोधी छवि को उन्होंने अपने भाषण में धोकर रख दिया। शिक्षा, ग्रामीण विकास, रोजगार हेतु डिग्री के साथ ही हुनर एवं राष्ट्रीय गौरव की अनुभूति का भाव उनके उद्बोधन की प्रमुख बातें रहीं। श्री मोदी के प्रभावशाली संबोधन का असर भी तत्काल दिखाई दे गया। विपक्ष के सुझाव स्वीकार करने की बात कहकर उन्होंने सभी संभावित हमलों की हवा निकाल दी। सारे संशोधन वापस होते गए और राज्यसभा में सरकार का अल्पमत भी समस्या नहीं बना। प्रधानमंत्री ने मात्र 15 दिनों के भीतर ही शासन-प्रशासन पर अपनी जो पकड़ बनाई वह उनके भाषणों में परिलक्षित हुई किन्तु राजतिलक समारोह का तामझाम अब समाप्त हो रहा है। देश समस्याओं से घिरा है, अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी हुई है, महंगाई से लोग त्रस्त हैं, नौजवान शिक्षित होने के बाद भी बेरोजगार हैं, भ्रष्टाचार नामक समानांतर सत्ता पूरे देश पर राज कर रही है और जैसा स्वयं प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया, विश्वास का संकट अपने चरमोत्कर्ष पर है।
अब जरूरत है कथनी को करनी में बदलने की। देश ने उन पर विश्वास कर लिया। अब इस विश्वास की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है।
झलका सरकार का संकल्प
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 9 जून को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में मोदी सरकार के आगामी कार्यक्रमों का जो खाका खींचा उससे इस सरकार का जनहित और सुशासन का संकल्प रेखांकित होता है। अभिभाषण में जिन महत्वपूर्ण कामों को करने का संकल्प प्रकटा उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
' विदेशों में जमा कालेधन की वापसी पर एसआईटी गठित होगी
' अदालतों का आधुनिकीकरण होगा, अदालतों की संख्या बढ़ेगी
' रोजगार के लिए निवेश बढ़ेगा
' महिलाओं के प्रति हिंसा पर जीरो टॉलरेंस
' संसद और विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण
' कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी सुनिश्चित होगी
' कन्या के जन्म से शिक्षा तक का खर्च सरकार उठाएगी
' गांव और शहरों के बीच दूरी पाटी जाएगी
' पंचायती राज व्यवस्था सुदृढ़ होगी
' राज्य और केन्द्र टीम इंडिया की तरह काम करेंगे
' युवा आधारित कार्यक्रम बनाए जाएंगे
' जमाखोरी रोकने को पीडीएस व्यवस्था मजबूत बनेगी
' सरकार में सोशल मीडिया की भागीदारी बढ़ेगी
' कृषि में विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा
' हर खेत को पानी मिलेगा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू होगी
' एफडीआई को बढ़ावा दिया जाएगा
' ई-गवर्नेंस पर जोर दिया जाएगा
' जल सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाएगा
' वन-बंधु कल्याण योजना लागू होगी
' खेलकूद स्कूली शिक्षा के आवश्यक अंग होंगे
' पर्यावरण और विकास दोनों साथ साथ होंगे
' संस्कृति और विरासत को संरक्षण दिया जाएगा
' जीएसटी लागू होगा
' 2022 तक सभी को अपना घर मिलेगा
' हिमालय पर राष्ट्रीय मिशन गठित होगा
' अनु. जाति-अनु. जनजाति के विकास पर जोर
' महंगाई दूर करने को सरकार प्रतिबद्ध
' सभी राज्यों में आईआईटी और आईआईएम होंगे
' ऊर्जा क्षेत्र में विकास पर जोर
' नदी जोड़ो योजना शुरू होगी
' गंगा की सफाई पर काम होगा
' 100 नए शहर बसाए जाएंगे
' हर गांव को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा
' सांप्रदायिक और नक्सली हिंसा से निपटा जाएगा
' पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा
' सागरमाला प्रोजेक्ट से बंदरगाह जोड़े जाएंगे
' राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनेगा
' पूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक-एक पेंशन योजना लागू होगी
' पुलिस का आधुनिकीकरण होगा
' नई स्वास्थ्य नीति में योग पर बल
' रक्षा खरीद की नीतियों में सुधार होगा
' पड़ोसी देशों से संबंध सुधारेंगे, बराबरी का रिश्ता कायम होगा
' अनिवासी भारतीयों को नजदीक लाएंगे, भारत के विकास में उनका सहयोग लेंगे
' तेज रफ्तार रेलों के लिए अलग ट्रैक बनेगा
चकरघिन्नी नहीं, काम होगा चटपट
सरकारी फाइल पहले कई बाबुओं और अधिकारियों की टेबलों के चक्कर काटने में उलझी रहती थी और निर्णय देरी से लिए जाते थे, अब जल्दी से फाइलों पर काम हो और फैसलों में देरी न हो, इसकी व्यवस्था की गई है। कहा गया है कि फाइल 4 से ज्यादा टेबलों पर न जाए ताकि काम जल्दी निपटे। अब फाइल सेक्शन अधिकारी से निदेशक, निदेशक से सचिव और सचिव से मंत्री के पास पहुंचेगी।
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