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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जोधपुर प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष का समापन समारोह 6 जून को गंगाशहर,बीकानेर मेंे आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व ब्रिगेडियर मोहन लाल वर्मा और मुख्य वक्ता संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार थे। कार्यक्रम में वर्ग कार्यवाह श्री अमृतलाल दैया और वर्गाधिकारी श्री शंकर सिंह भी उपस्थित रहे। यह शिविर पिछले बीस दिन से चल रहा था। इसमें पश्चिमी राजस्थान के 17 जिलों के 646 शिक्षार्थी शामिल हुए। शिविर में घोष वर्ग भी आयोजित किया गया, जिसमंे विभिन्न वाद्यों की रचनाओं का प्रशिक्षण भी दिया गया। शिविर मंे 38 शिक्षक और 81 प्रबंधक निरंतर सक्रिय रहे।
अपने उद्बोधन मे श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत के सभी मतावलंबियों के पूर्वज इसी देश के मूल विचार और सभ्यता से जुड़े हुए हैं। उनमंे आज भी अपने पूर्वजों के संस्कार हैं। उन्हांेने कहा कि भारत के मुसलमानों के लिए हकीम खान सूर, गुलाम गोसाईं, अश्फाक उल्लाह खान आदि का मार्ग ही आदर्श है। उन्हांेने कहा कि धारा 370 के कारण ही देश के अन्य नागरिक जम्मू-कश्मीर में व्यापार, उद्योग आदि के लिए नहीं बस पा रहे हैं और वहां का विकास रुक गया है। आम कश्मीरी भारत की मुख्यधारा में सम्मिलित होकर विकास की गंगा बहाना चाहता है। इसलिए अविलंब धारा 370 को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। विभाग संघचालक श्री नरोत्तम व्यास ने बताया कि कार्यक्रम मंे स्वयंसेवकों ने दंडयुद्ध, नियुद्ध, घोष, योगासन आदि का प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्य लोग, महिला-पुरुष उपस्थित थे। * प्रतिनिधि
गत दिनों दमोह के केशवनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के विशाल प्रांगण में संघ शिक्षा वर्ग का समापन समारोह आयोजित हुआ। इसके मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक श्री रामदत्त।
स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम का भाव जागृत करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार करता आ रहा है। व्यक्ति निर्माण और राष्ट्रोत्थान के कार्य में लगे संघ आज चर्चा एवं जिज्ञासाओं का कारण बना हुआ है। परन्तु नजदीक से देखने पर ही पता चलता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण के लिए क्या कर रहा है। कुछ लोग संघ और स्वयंसेवकों को साम्प्रदायिक कहते हैं। यह सब निराधार बातें हैं। जो समाज जहरीले नाग को दूध पिलाता हो, चीटियों को शक्कर खिलाता हो, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों में भी ईश्वर का वास मानता हो, वह साम्प्रदायिक एवं संकुचित कैसे हो सकता है? मंच पर वर्गाधिकारी श्री रविन्द्र श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम अध्यक्ष श्री घनश्याम पटेल की विशेष रूप से उपस्थिति रही।
इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने दण्ड नियुद्ध,योगासन,घोष,सूर्य नमस्कार आदि प्रस्तुत कर सबको आर्श्चयचकित कर दिया। वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए श्री कैलाशनाथ ने कहा कि महाकौशल प्रांत में आठ विभाग एवं उन्नतीस जिले हैं। चार विभाग के चौदह जिलों का यह वर्ग दमोह में आयोजित किया गया था। 21 दिनों तक चले वर्ग में प्रशिक्षणार्थियों के भोजन के लिए रामरोटी एकत्रित की गई। प्रतिदिन छह हजार रोटियां एकत्रित की गईं। इस दौरान 12 हजार 600 परिवारों से संपर्क किया गया तथा 1 लाख 26 हजार रोटियां एकत्रित की गईं। * डॉ़ एल़ एऩ वैष्णव
पश्चिम बंगाल के रायगंज में आयोजित पूर्व क्षेत्र का संघ शिक्षा द्वितीय वर्ष का वर्ग 4 जून को समाप्त हो गया। इस वर्ग में उत्तर बंग के 36,दक्षिण बंग के 58 और उत्कल प्रान्त के 37 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। रायगंज में ही उत्तर बंग प्रान्त का प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग भी आयोजित हुआ था। इसमें 85 स्वयंसेवक शामिल थे। दोनों वगार्ें के स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण अलग-अलग हुआ,पर समापन समारोह एक साथ आयोजित हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे गौड़ बंग विश्वविद्यालय,मालदा में बंगला भाषा के प्राध्यापक डॉ. सौरेन वन्द्योपाध्याय। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस देश को परम वैभव तक ले जाने और भारत की अति प्राचीन परम्परा और संस्कृति को संजोने का काम कर रहा है। समारोह के मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,उत्तर बंग प्रान्त के संघचालक श्री विद्रोही सरकार ने कहा कि भारतीय और पाश्चात्य संस्कृति में मौलिक अन्तर है। भारतीय संस्कृति जीव से लेकर प्रकृति तक की चिन्ता करती है,जबकि पाश्चात्य संस्कृति भोग को बढ़ावा देती है और प्रकृति का दोहन करती है। समारोह का संचालन द्वितीय वर्ष के कार्यवाह श्री ह्षिकेश साहा और धन्यवाद ज्ञापन प्रथम वर्ष के कार्यवाह श्री उदयशंकर सरकार ने किया। इस अवसर पर द्वितीय वर्ष के सर्वाधिकारी श्री सुधीर कुमार मिश्र,प्रथम वर्ग के वर्गाधिकारी श्री सुकदेव भगत सहित रायगंज शहर के लगभग 1000 नागरिक उपस्थित थे। * बासुदेब पाल
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