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समय तेजी से बदला है। लोगों के सोचने के तौर-तरीकों के साथ नई-नई तकनीक भी सामने आ रहीं हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख एवं सबसे सशक्त व्यवसाय है एनिमेशन उद्योग। युवाओं को आजकल जो क्षेत्र सबसे अधिक आकर्षित कर रहा है, वह एनिमेशन ही है। आमतौर पर एनिमेशन पूरी तरह से फिल्म मेकिंग व फिल्ड इंडस्ट्रीज से संबंध रखने वाला क्षेत्र है, जिसमें कल्पनाओं का अद्भुत संगम समाया है।
जीवन में ऐसी तमाम चीजें हैं, जिन्हें हम देखना तो चाहते हैं, पर वास्तविक जीवन में वह संभव नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में एनिमेशन ही वह माध्यम है जो उन परिस्थितियों का आभास कराता है। यह देखने में जितना आसान व सरल लगता है, उसका निर्माण उतना ही कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। परन्तु देखा जाए तो आज सबसे बड़ा बाजार एनिमेशन का ही है। यदि यही हाल रहा तो यह क्षेत्र आईटी को भी पीछे छोड़ देगा। इसकी लोकप्रियता का ही नतीजा है कि दुनिया में प्रतिवर्ष 28 अक्तूबर को ह्यअंतरराष्ट्रीय एनिमेशन दिवसह्ण के रूप में मनाया जाता है।
सन 2005 में प्रदर्शित फिल्म हनुमान को भारत की सफलतम एनिमेटेड फिल्म की संज्ञा दी जाती है। इस फिल्म की लागत लगभग 30 करोड़ रुपए के आसपास थी। इस फिल्म को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिली। इसके बाद बाल गणेश, माई फ्रेंड गणेशा जैसी कई एनिमेटेड फिल्में बाजार में आईं और अच्छा कारोबार किया। अगले वर्ष भी लगभग दर्जनों एनिमेशन फिल्में प्रदर्शित होने वाली हैं।
शैक्षिक योग्यता एवं अभिरुचि
वैसे तो एनिमेशन का पाठ्यक्रम करने के लिए 10+2 की डिग्री आवश्यक है। लेकिन यदि छात्र स्नातक हो तो उसे कई बिन्दुओं पर सहायता मिलती है। अनेक संस्थान ऐसे हैं जो स्नातक के उपरांत ही एनिमेशन का कोर्स करवाते हैं। इसमें डिग्री से ज्यादा छात्र की कम्प्यूटर पर दक्षता मायने रखती है।
एनिमेशन क्रिएटिविटी पर आधारित क्षेत्र है। यह क्रिएटिविटी फाइन आर्ट, स्केचिंग आदि पर निर्भर करती है। इसमें वही लोग करियर जमा सकते हैं, जो क्रिएटिव हों तथा जिनका प्रजेंटेशन अच्छा हो। घंटों एक ही पैकेज पर लगातार काम करने तथा हरदम कुछ नया गढ़ने की लालसा इस क्षेत्र में सफल बना सकती है। प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण योग्य व कुशल लोगों की अधिक मांग है।
पाठ्यक्रम विवरण एवं कार्यविधि
एनिमेशन मुख्यत: दो रूप में होता है-
2-डी एनिमेशन
3-डी एनिमेशन
-प्रस्तुति – नमिता सिंह
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं
रोजगार की दृष्टि से भारत एनिमेशन का गढ़ माना जाता रहा है। मांग के मुताबिक भारत में बहुत ही कम एनिमेटर उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 20-30 वर्ष के युवाओं की रुचि सबसे अधिक है। पहले कठिन एनिमेशन संबंधी काम के लिए यूएसए, कनाडा, जापान तथा मलेशिया के चक्कर काटने पड़ते थे। जबकि भारत में ही योग्य लोगों के हो जाने से कहीं नहीं जाना पड़ रहा है। इस समय कनाडा में सबसे अधिक एनिमेटरों की आवश्यकता है। इसमें मुख्य रूप से क्लीअप आर्टिस्ट, जूनियर एनिमेटर, असिस्टेंट एनिमेटर, कैरेक्टर डिजाइनर, बैकग्राउंड आर्टिस्ट, स्टोरी बोर्ड आर्टिस्ट, विजुअलाइजर, 2-डी व 3-डी डिजिटल एनिमेटर, वीडियो एडिटर आदि शामिल हैं। भारत में विदेशों से कराए जाने वाले कार्य की अपेक्षा लागत कम होती है। जहां भारत में एक घंटे की फिल्म के निर्माण में 90-100 हजार डॉलर खर्च आता है। वहीं अमरीका में यह लागत 4-5 लाख डॉलर के करीब बैठती है। इसमें सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है।
– तनय पंत, निदेशक, शिवाजी चंद्रभूषण फिल्म्स, मुंबई
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