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देश में 16वीं लोकसभा के चुनाव परिणामों के बाद एक सुखद और स्वस्थ भारत की चर्चा जन-जन के बीच है। देश की जनता को भरोसा है कि अच्छे दिनों की अनुभूति कराने के लिए नई सरकार के पास व्यापक दृष्टि और प्रभावी तंत्र होगा जो जनमन की आशा और आकांक्षा की पूर्ति करते हुए इस ऐतिहासिक जनादेश को फलीभूत करेगा। सरकार नए जोश के साथ खड़े हुए भारत को सशक्त बनाते हुए भय, भूख और भ्रष्टाचार से मुक्त करे। बढ़ती महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार, पुलिस ज्यादतियां, किसानों को भूमि से वंचित करने जैसे अनेक ज्वलंत मुद्दे हैं जो इन चुनावों में राजनीतिक दलों के वाद-विवाद के विषय के साथ मीडिया द्वारा भी बार-बार उठाए गए, इन्हें एक साथ खड़े होकर शक्ति देकर दूर करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
आवरण कथा से संबंधित |
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भारत विविधताओं का देश है जहां कम आय वाले, ग्रामीण कृषक, शहरी, उद्योगपति और सेवा क्षेत्र में सक्रिय असंख्य कामगार हैं। देश की भौगोलिक और जनांककीय स्थितियां पृथक हैं, सबकी समस्याएं अलग हैं, सबके लक्ष्य अलग हैं किन्तु जीवन जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करने की आस के साथ संवैधानिक स्वतंत्रता का आनन्द प्रत्येक व्यक्ति उठाना चाहता है। हमारे राष्ट्रीय दर्शन में 4 शब्द या अवधारणाएं समाहित होनी चाहिए- एकात्म, समग्र, धारणाक्षम और पूर्णत्व। हमारे अस्तित्व की एकता का केन्द्रीय सिद्धान्त और सही मूल्यों व सिद्धांतों का प्रवाह एकात्म भाव है। सभी स्थितियों में व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और वैश्विक जीवन को जीने की एकीकृत कला समग्र में आती है। धारणाक्षम का अर्थ है सतत विकास के पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर लगातार ध्यान देना। इसी प्रकार पूर्णत्व से आशय पूर्णता की प्राप्ति, जीवन के प्रत्येक पहलू में उच्चता की प्राप्ति है। उच्च मूल्यों की बात कोरी न होकर क्रिया रूप में अनुभूत एवं परिणत होनी चाहिए। सभी संप्रदायों, समाज के विभिन्न वर्गों का न्यायपूर्ण और संतुलित तरीके से विकास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बिना किसी भेदभाव के सभी को समान अवसर प्राप्त होने चाहिए, तभी देश का समेकित विकास होगा। यहां हम नई सरकार के समक्ष भारत के जन-मन का एजेंडा और उस पर विशेषज्ञों की टिप्पणियां प्रस्तुत कर रहे हैं।
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