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पिछले दिनों उत्तरी दिल्ली के रोहिणी और पूर्वी दिल्ली के शंकर नगर में नारद जयन्ती के कार्यक्रम हुए। रोहिणी में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता ए-टू-जेड समाचार चैनल के निदेशक श्री दीपक गुप्ता ने की। मुख्य वक्ता थे राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय और मुख्य अतिथि थीं पंजाब केसरी वरिष्ठ नागरिक क्लब की संचालिका श्रीमती किरण चोपड़ा। इस अवसर पर श्रीमती किरण चोपड़ा ने कहा कि देवर्षि नारद ही वह महान विभूति थे, जिन्होंने पत्रकारिता को जन्म दिया। कल्याणकारी संदेशों के आदान-प्रदान के द्वारा वे अपने ढंग से समाज का मार्गदर्शन करते थे। श्री तरुण विजय ने कहा कि लाल-बाल-पाल, महर्षि अरविंद, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ही नहीं, महात्मा गांधी भी पत्रकार थे। इन सबने समाज को स्वतन्त्रता संग्राम हेतु मार्गदर्शन किया। अनेक पत्रकारों को निर्वासन तथा मृत्युदण्ड तक दिया गया, परन्तु वे सत्यपथ से विचलित नहीं हुए। इनमें शहीद भगत सिंह तथा गणेश शंकर विद्यार्थी प्रमुख रहे।
इस अवसर पर पंजाब केसरी के पत्रकार श्री हरीश चोपड़ा एवं कुछ अन्य पत्रकारों को सम्मानित किया गया। संघ के विभाग संघचालक श्री सत्यनारायण बंधु ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पूर्वी दिल्ली के शंकर नगर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ साप्ताहिक पत्रिका आर्गेनाइजर के सम्पादक श्री प्रफुल्ल केतकर, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफ्रेसर अरुण कुमार भगत और विभाग संघचालक श्री प्राणनाथ अरोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो़ अरुण कुमार भगत ने कहा कि हमारे देश में पत्रकारिता का इतिहास ह्यकलकत्ता गजटह्ण से शुरू होता है। हिन्दी के इस पहले अखबार में सामाजिक सरोकारों को स्थान दिया गया था। आज भी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समस्याओं पर हमारी पत्रकारिता मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित करती है। पत्रकारों को प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है,लेकिन समय के साथ भारतीय पत्रकारिता और निखरी एवं सबल हुई।
श्री प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि पत्रकारिता की राह आज भी मुश्किलों से भरी हुई है। देवर्षि नारदीय पत्रकारिता परम्परा के ही वाहक थे, इसलिए हमारे देश में संवाददाताओं की नारद परम्परा रही है। नारद जी को हर पक्ष की पूरी बात मालूम होती थी, फिर भी वे यह ध्यान रखते थे कि उन्हें किससे, कब और कितनी बातें करनी हैं। कार्यक्रम में सांस्कृतिक पत्रकारिता के लिए कला समीक्षक शशिप्रभा तिवारी को सम्मानित किया गया। समारोह का समापन विभाग संघचालक श्री प्राणनाथ अरोड़ा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। समारोह में प्रांत प्रचार प्रमुख श्री राजीव तुली, श्री सतीश पेडणेकर आदि उपस्थित थे।*वि.सं.के.दिल्ली
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'पत्रकारिता में नारदीय दृष्टि अति आवश्यक'
गत 11 मई को फरीदाबाद (हरियाणा) में नारद जयन्ती के अवसर पर 'पत्रकारिता और सामाजिक सरोकार' विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। विश्व संवाद केन्द्र,फरीदाबाद द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता थे पाञ्चजन्य के सम्पादक श्री हितेश शंकर। उन्होंने कहा कि बदलते आधुनिक परिवेश में महर्षि नारद की पत्रकारिता से सीखने की आवश्यकता है। उनका कृतित्व और व्यक्तित्व आज भी उतना ही प्रासांगिक हैं जितना उनके समय था। शास्त्रों की बात मानें तो वे चिरंजीवी हैं। पत्रकार भी कभी मरता नहीं, वह अपने विचारों व सिद्धांतों से हमेशा चिरजीवी रहता है। श्री शंकर ने कहा कि पत्रकारिता में नारदीय दृष्टि का होना अति आवश्यक है। विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों मे भी लोक कल्याण के लिए सच्चाई सामने लाने की क्षमता और मानसिकता पत्रकार की होनी चाहिए।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और दैनिक जागरण,फरीदाबाद के ब्यूरो प्रमुख श्री बिजेंद्र बंसल ने कहा कि आज की पत्रकारिता अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ देश व समाज की दिशा तय करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही है। विशिष्ट अतिथि और पंजाब केसरी की वरिष्ठ संवाददाता सरोज अग्रवाल ने कहा कि समाज और पत्रकार एक-दूसरे के पूरक हैं। अच्छी खबर लिखने की जिम्मेदारी जितनी एक पत्रकार की होती है, उतनी ही जिम्मेदारी सामाजिक लोगों की भी होती है। दैनिक भास्कर के संवाददाता पंकज मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन पत्रकार मुकेश शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केंद्र के सह-जिला प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। कार्यक्रम के अंत में शहर के पत्रकारों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र के फरीदाबाद प्रमुख श्री हरीश गर्ग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-जिला संघचालक श्री अरविन्द सूद, विभाग संघचालक श्री रमेश अग्रवाल सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
इसी दिन गुड़गांव में भी बड़ी धूमधाम से नारद जयन्ती मनाई गई। इसके मुख्य वक्ता थे राज्यसभा सदस्य श्री बलबीर पंुज। मुख्य अतिथि थीं बीबीसी की वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती रमा पाण्डे। समाजसेवी श्री कृष्ण कुमार द्विवेदी विशिष्ट अतिथि थे,तो अध्यक्षता की कर्नल कुंवर प्रताप सिंह ने। कार्यक्रम में श्री बलबीर पुंज ने कहा कि पत्रकारों को नारद मुनि के आदर्शों पर चलते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए, पत्रकारिता समाज के हित में होनी चाहिए। पत्रकारिता समाज जागरण का ही एक जरिया है। उन्होंने प्रश्न मंच सत्र में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी सटीक जवाब दिए। वहीं श्रीमती रमा पाण्डे ने पत्रकारिता की तकनीकी जानकारियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम स्थल पर दो प्रदर्शनियां भी लगाई गईं, जिनमें से एक साहित्य विक्रय प्रदर्शनी और दूसरी स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शनी थी। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रख्यात और सम्मानित लोग उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
गोपाल वोरा नारद सम्मान से सम्मानित
छत्तीसगढ़ विश्व संवाद केन्द्र द्वारा रायपुर में 11 मई को आयोजित नारद जयन्ती कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्री गोपाल वोरा को पत्रकारिता में अमूल्य योगदान के लिए नारद सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सृष्टि का प्रथम पत्रकार नारद जी को माना जाता है, जिनकी खबरों का मुख्य आधार सृष्टि का कल्याण था। फिर चाहे खबर दानव पक्ष की हो या देवता पक्ष की। आज के पत्रकारों के लिए भी समाज और देशहित ही सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि आज के मीडिया-माहौल में अंग्रेजी भाषा के पत्रकारों को ज्यादा योग्य समझा जाता है जबकि भाषा के मामले में आम आदमी तक, हिन्दी अखबार और पत्रकारों की पहुंच ज्यादा होती है। श्री अग्निहोत्री ने खबरों की प्रासंगिकता के कई उदाहरण सामने रखे और कहा कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले भारत में विदेशी खबरों के लिए दूसरी एजेंसियों या विदेशी पत्रकारों पर निर्भर रहना पड़ता है। क्या हम ऐसा माहौल या कार्य-संस्कृति विकसित नहीं कर सकते कि खबरों के लिए दूसरे देश भारत पर आश्रित रहें? कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे तरुण छत्तीसगढ़ के संपादक श्री कौशल किशोर मिश्र ने नारद सम्मान के महत्व को रेखांकित किया तथा आयोजन की तारीफ की। विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र जैन उपस्थित थे।
-प्रतिनिधि
राजस्थान में 122 जोड़ों का सामूहिक विवाह
8 मई को जयपुर में आयोजित चतुर्थ सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में 22 जातियों के 65 जोड़े विवाह बन्धन में बंधे। इनमें 6 जोड़ों ने अन्तरजातीय विवाह किया। इस विवाह समारोह का आयोजन सेवा भारती समिति, राजस्थान एवं श्रीराम जानकी विवाह समिति, जयपुर ने किया था। ढेहर के बालाजी के संत हरिशंकर दास एवं नवल सम्प्रदाय के संत मुन्नादास खोड़ा ने नव दम्पतियों को आशीर्वाद दिया। इस भव्य आयोजन की सफलता में लगभग 300 समाजसेवी कार्यकर्ताओं एवं 500 कर्मचारियों का सहयोग रहा। सम्मेलन में भाग लेने वाले स्त्री-पुरुषों की संख्या लगभग 6000 रही।
समिति के जयपुर विभाग के संगठन मंत्री अनिल शुक्ला ने बताया कि समिति द्वारा जयपुर के अलावा 18 मई को भवानीमण्डी में, 24 मई को इटावा(कोटा) में, 25 मई को नैनवा (बूंदी) में तथा 30 मई को बारां में भी इसी प्रकार के सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित कराए जाएंगे। इससे पूर्व 3 मई को जोधपुर में भी सेवा भारती और सुदर्शन सेवा संस्थान ने सर्वजातीय सामूहिक विवाह का आयोजन किया। इसमें निर्धन परिवारों के 57 जोड़ों का धूमधाम से विवाह कराया गया। 57 दूल्हों की जब बारात निकली तो मानो पूरा शहर उमड़ पड़ा। जगह-जगह लोगों ने इन दूल्हों का भव्य स्वागत किया। विवाह आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री रतन लाल गुप्ता ह्यकाकाह्ण ने बताया कि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सामाजिक समरसता के लिए इस विवाह उत्सव का आयोजन किया गया था। विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक श्री दुर्गादास, प्रान्त प्रचारक श्री मुरलीधर, प्रान्त संघचालक श्री ललित शर्मा, प्रान्त कार्यवाह श्री जसवंत खत्री, राजस्थान के महाधिवक्ता श्री नरपतमल लोढा, सेवा भारती के श्री किशन गहलोत, विभाग प्रचारक श्री चंद्रशेखर, राज्यसभा सांसद श्री नारायण पंचारिया, जोधपुर के विधायक श्री कैलाश भंसाली सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
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